Politics: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कार्रवाई ने वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों का ध्यान कानून के पालन की तरफ खींचा है। चंद्रशेखर ने इस बात पर जोर दिया कि नियमों का पालन करना कंपनियों के लिए वैकल्पिक नहीं हो सकता, बल्कि ये एक ऐसा पहलू है जिसपर प्रत्येक उद्यमी को पूरा ध्यान देना चाहिए।
चंद्रशेखर ने पीटीआई वीडियो को दिए इंटरव्यू में कहा, “पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ नियामक की कार्रवाई ने फिनटेक को परेशान कर दिया है। मुझे लगता है कि इसने फिनटेक उद्यमियों का ध्यान इस तथ्य की तरफ खींचा है कि आपको भी कानून का अनुपालन करना होगा। नियामक अनुपालन दुनिया के किसी भी देश के लिए एक वैकल्पिक चीज नहीं है, निश्चित रूप से भारत में नहीं, और ये कुछ ऐसा है जिस पर उन्हें ज्यादा ध्यान देना चाहिए।” पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर संकट के बीच राज्य मंत्री ने कहा कि कोई भी कंपनी, चाहे वो भारत की हो या विदेश की, बड़ी हो या छोटी, उसे देश के कानून का पालन करना होगा।
31 जनवरी 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम की बैंकिंग सर्विस को बंद करने का आदेश जारी किया था, जिसे 29 फरवरी 2024 से लागू होना था। लेकिन अब आरबीआई ने पेटीएम को थोड़ी राहत दी है। अब पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर प्रतिबंध 15 मार्च के बाद लागू होगा, आरबीआई ने 31 जनवरी को कहा था कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर नियामक कार्रवाई की गई है, जिसके चलते पेटीएम पेमेंट्स बैंक अकाउंट में ट्रांजेक्शन, पेटीएम वॉलेट , फास्टैग और टॉपअप जैसी सर्विस 29 फरवरी के बाद बंद हो जाएगी।
कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि “पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ नियामक की कार्रवाई ने फिनटेक को परेशान कर दिया है। मुझे लगता है कि इसने फिनटेक उद्यमियों का ध्यान इस तथ्य की तरफ खींचा है कि आपको भी कानून का अनुपालन करना होगा। नियामक अनुपालन दुनिया के किसी भी देश के लिए एक वैकल्पिक चीज नहीं है, निश्चित रूप से भारत में नहीं, और ये कुछ ऐसा है जिस पर उन्हें ज्यादा ध्यान देना चाहिए।”
इसके साथ ही कहा कि “तो मैं इसे एक प्रकार की गलती के रूप में रखूंगा, जहां एक कड़ी मेहनत करने वाला उद्यमी, खुद पर विश्वास करता है, सफलतापूर्वक एक कंपनी का निर्माण कर रहा है, लेकिन ये महसूस करने में असफल है कि नियामक के कुछ नियम होते हैं और ऐसा कभी नहीं हो सकता है ऐसी हालत चाहे वो सोशल मीडिया कंपनी हो या फिनटेक कंपनी, जहां कोई व्यक्ति कानून का अनुपालन नहीं कर रहा है और उम्मीद करता है कि वो बच जाएगा।’ मैंने हमेशा कहा है और ये भारत सरकार की स्टैंड है, भले ही आप भारत या विदेश से डिजिटल अर्थव्यवस्था में आते हों, चाहे आपके पास डिजिटल अर्थव्यवस्था, फिनटेक या एआई में बड़ी या छोटी फर्म हो, देश के कानून का अनुपालन करना होगा। फिनटेक क्षेत्र में, नियम बनाने वाला नियामक आरबीआई है। इसलिए, आपको आरबीआई की बात सुननी होगी और आपको आरबीआई का अनुपालन करना होगा।”