Odisha: ओडिशा के चार लोगों को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, 105 साल के गोपनीथ स्वैन ओडिशा के गंजम जिले के रहने वाले हैं। वे कृष्ण लीला गायक हैं, जिन्हें इस कला को बढ़ावा देने और उसे संरक्षित करने के जाना जाता है। गोपीनाथ कृष्ण लीला कलाकारों के परिवार से आते हैं, उन्होंने पांच साल की उम्र में अपनी संगीत यात्रा शुरू की थी।
ओडिशा के एक और कलाकार बिनोद कुमार पसायत ने पद्म श्री पुरस्कार मिलने पर खुशी जताई। पसायत को कला में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। पश्चिमी ओडिशा के बारगढ़ जिले के लोक नृत्य के प्रतिपादक भागवत पधान, पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं की सूची में अपना नाम होने के बारे में जानकर उत्साहित दिखे।
पारंपरिक ‘पट्टचित्र’ में महारत हासिल करने वाले चित्रकार बिनोद महराना को पारंपरिक कला में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति ने पांच पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 110 पद्म श्री पुरस्कार सहित 132 पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की है।
पद्म श्री पुरस्कार विजेता गोपीनाथ स्वैन का कहना है कि “उन दिनों समय मुश्किल था और हम बहुत मुश्किल जीवन जी रहे थे। खाने के लिए कुछ नहीं था, यात्रा करने के लिए सड़कें नहीं थीं और हमारे पास लगभग कोई कपड़े नहीं थे। हमारे पास अपने लिए कुछ भी नहीं था। जैसे पता चला बहुत खुश हुआ, पहले तो विश्वास नहीं हुआ, फिर मेरी छोटी बहू आगे बोली कि पापा ऐसे-ऐसे बात है, सुनने में आया है। तो फिर ठीक है, होने दो जो होता है, आप लोग आ गए ये मेरा सौभाग्य है। हम बचपन से काम सीखा था।
बाद में मैं एक सरकारी अस्पताल में सेवा कर रहा था। मैं 2003 में रिटायर्ड हो गया, अब मेरे पास बहुत खाली समय है। इसलिए मेरे मन में जो भी आता है मैं बनाता हूं और प्रदर्शनियों में भेजता हूं, बिक्री हो जाता है।
इसके साथ ही पुरस्कार विजेता भागवत पधान ने बताया कि हमको तो खुशी होता है सम्मान मिलने के बाद। खुशी है, परिवार में खुशी है, मेरे गांव के लोग खुश हैं, मेरे छात्र-छात्राएं खुश हैं, मेरे को भी खुशी लगता है, मैं भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।