Russia-Ukraine War: युद्ध के बाद रूसी अरबपती होते जा रहे कंगाल, बाजार के इतिहास की पांचवी बड़ी गिरावट दर्ज

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही रूस के अमीरों के बुरे दिन भी शुरू हो गए हैं। इसी के साथ ही पश्चिमी देशों के कड़े प्रतिबंधों का असर अब साफ दिखने लगा है। बता दें कि सोमवार को दिन की शुरूआत होते ही रूस की मुद्रा रूबल में एक बार फिर से बड़ी गिरावट आई है। सोमवार को यह करेंसी डॉलर के मुकाबले करीब 30 फीसदी टूट गई और नए रिकॉर्ड लो लेवल पर आ गई।
दोनों देशों के बीच युद्ध के चार दिन बीत चुके हैं और इस दौरान रूसी अरबपतियों को 126 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं 24 घंटे के भीतर हुए इस बड़े नुकसान ने देश के सबसे अमीर लोगों को हिला कर रख दिया। इसके साथ ही रूसी अरबपतियों को अब डर सता रहा है कि कि युद्ध के चलते उन्हें और कितना घाटा उठाना पड़ सकता है। बता दें कि हमले के दौरान गुरुवार को रूसी शेयर बाजार में आई गिरावट स्टॉक मार्केट के इतिहास की पांचवी सबसे बड़ी गिरावट थी। रूस का बेंचमार्क मोएक्स इंडेक्स 33 फीसदी तक टूटकर बंद हुआ था।
पुतिन ने बुलाई बैठक
यूक्रेन पर हमले के एलान के बाद से सिर्फ शेयर बाजार पर ही नहीं पड़ा, बल्कि इसके असर से रूसी करेंसी रूबल का भी बुरा हाल हो गया और इसने अपने सर्वकालिक निचले स्तर का छू लिया। एक ओर जहां युद्ध रूस के सबसे अमीरों को कंगाल बनाता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को क्रेमलिन में एक बैठक के दौरान देश के शीर्ष व्यापारिक नेताओं से कहा कि जो हो रहा है वह बेहद जरूरी है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा बुलाई गई इस बैठक में देश के कम से कम 13 शीर्ष अरबपति मौजूद थे। पुतिन ने उनसे कहा कि हमारे पास अन्यथा करने का कोई मौका नहीं बचा था। इस संबंध में सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक के दौरान पुतिन ने अरबपतियों से अपने ही अंदाज में बात की और किसी भी अरबपति ने उनकी बात पर कोई टिप्पणी करने की हिमाकत नहीं की। भले ही उन्हें रूस-यूक्रेन के बीच जारी इस युद्ध के चलते बड़ा नुकसान क्यों न उठाना पड़ा हो।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे ज्यादा तगड़ा झटका
शेयर बाजार के बुरी तरह टूटने के साथ ही रूसी करेंसी रूबल ने भी अपना सबसे ज्यादा निचला स्तर पाया था। गौरतलब है कि शेयर बाजार के इतिहास में यह गिरावट साल 1987 के ब्लैक मंडे दुर्घटना के बाद सबसे बड़ी रही। ब्लैक मंडे को निवेशकों को 50 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ था। इस रिपोर्ट में कहा गया कि रूस के शेयर बाजार में आई ये बड़ी गिरावट देश का स्टॉक इंडेक्स इतिहास के सबसे बुरे दिनों में से एक है। वहीं द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस समय यूरोप में चल रहे सबसे खराब दौर की वजह से शेयर बाजार बेहद बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। यूक्रेन के साथ विवाद के चलते रूस को अमेरिका सहित कई बड़े देशों के आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से रूस के अरबपतियों को काफी तगड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसका सीधे तौर पर असर दिखाई देने लगा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *