चीन में विशालयकाय गड्ढे के अदंर मिला रहस्यमयी जंगल

ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी… खोदा पहाड़ निकली चुहिया…कुछ ऐसा ही हुआ है चीन के हुबेई प्रांत के जुआनेन काउंटी में…जी हां, चीन के लोग जिसे सालों से हरी-भरी घाटी समझते आए, वो असल में एक विशालकाय सिंकहोल यानि गड्ढा निकला। हैरानी की बात ये है कि इस गड्ढे के अंदर एक बहुत बड़ा जंगल भी है। यह कुल मिलाकर 630 फीट गहरा है। इसकी खोज चीन के वैज्ञानिकों ने ही की है।

गड्ढे में जाने के लिए तीन बड़ी गुफाएं मौजूद

चीन में इतने बड़े गड्ढों को तियानकेंग कहा जाता है। इन गड्ढों के अंदर कई गुफाएं भी होती हैं। आमतौर पर ऐसे भूगर्भीय आकृतियां चीन, मेक्सिको और पापुआ न्यू गिनी में ही मिलती हैं। दरअसल इस गड्ढे को इंस्टीट्यूट ऑफ कार्स्ट जियोलॉजी ऑफ द चाइना जियोलॉजिकल सर्वे के वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है। वैज्ञानिकों के अनुसार गड्ढे की लंबाई 1,004 फीट और चौड़ाई 492 फीट है। इसमें प्रवेश के लिए 3 बड़ी गुफाएं हैं और इसकी तलहटी में मौजूद जंगल में प्राचीन पेड़ हैं, जो करीब 120 फीट से ज्यादा लंबे हैं।

ऐसे बनते है ये बड़े गड्ढे

अमेरिका स्थित नेशनल केव एंड कार्स्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और गुफाओं के एक्सपर्ट जॉर्ज वेनी के अनुसार, यहां बारिश का पानी हल्का एसिडिक होता है और कार्बन डाई ऑक्साइड के साथ मिलकर और एसिडिक बन जाता है। इस पानी से चट्टानों में दरारें बन जाती हैं, जिससे सुरंगें बनती हैं। हालांकि कुछ गुफाओं के ज्यादा बड़े होने के कारण इनकी छत टूटकर गिर जाती है, जिससे गड्ढे बनते हैं। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई घाटी के आकार का बड़ा गड्ढा यहां मिला है।

यूनेस्को ने दिया वर्ल्ड हेरिटेज साइट का सम्मान 

जॉर्ज वेनी इस खोज में शामिल नहीं है लेकिन उनका संस्थान चीनी वैज्ञानिकों के साथ जुड़ा हुआ है। जॉर्ज वेनी के अनुसार अमेरिका का 25 फीसदी इलाका ऐसी ही भौगोलिक स्थितियों से भरा पड़ा है। लेकिन यहां पर गड्ढे ज्वालामुखीय या हवा की वजह से बने हैं। गुआंगशी ऑटोनॉमस रीजन में कार्स्ट फॉर्मेशन बहुत ज्यादा देखने को मिलता है, जिसकी वजह से इस इलाके को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का सम्मान मिला हुआ है।

गड्ढों से जुड़ी है लोक कथाएं

इंस्टीट्यूट ऑफ कार्स्ट जियोलॉजी के सीनियर इंजीनियर झांग युआनहाई के अनुसार चीन के लोग इन गड्ढों को दैवीय मानते हैं। इसके पीछे कोई वैज्ञानिक वजह नहीं है बल्कि लोककथाएं हैं। हालांकि इन गड्ढों के अंदर नई तरह की दुनिया देखने को मिल सकती हैं। फिलहाल वैज्ञानिक इस तैयारी में हैं कि वो इसके अंदर जाकर यहां मौजूद जंगल और जीवों का अध्ययन कर सकें। ताकि धरती की इस अनसुलझी पहेली को समझा जा सके।

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