Crakk: वि्द्युत जामवाल की फिल्म ‘क्रैक-जीतेगा तो जिएगा’ का ट्रेलर लॉन्च

Crakk: अभिनेता विद्युत जामवाल की आने वाली फिल्म “क्रैक – जीतेगा तो जिएगा” के स्टार और प्रो्डयूसर हैं। विद्युत जामवाल का कहना है कि “क्रैक” का उनके जीवन में पॉजिटिव अर्थ है क्योंकि उनका मानना ​​है कि अगर कोई शख्स किसी चीज के प्रति जुनूनी है तो वे “क्रैक” है। फिल्म का निर्देशन “आशिक बनाया आपने” और “टेबल नंबर 21” फेम आदित्य दत्त ने किया है। इस फिल्म को जामवाल के प्रोडक्शन एक्शन हीरो फिल्म्स के बैनर तले बनाया गया है।

अर्जुन रामपाल, नोरा फतेही और एमी जैक्सन अभिनीत यह फिल्म मुंबई की मलिन बस्तियों से खेलों की दुनिया तक एक शख्स की यात्रा को दिखाती है। जामवाल ने शुक्रवार को फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के मौके पर कहा, “उन्होंने इसे हासिल कर लिया है, उन्होंने इसे जीनियस कहा है, अगर वे ऐसा महसूस करते हैं तो हर कोई क्रैक है। मैं ‘क्रैक’ शब्द को अपने जीवन में एक पॉजिटिव अर्थ देता हूं। जब कोई कहता है कि तुम क्रैक हो, तो मुझे वो शख्स पसंद है… हर कोई क्रैक है जो किसी चीज के प्रति जुनूनी है और उस चीज के पीछे रहता है।”

‘फोर्स’, ‘कमांडो’ सीरीज और ‘खुदा हाफिज’ जैसी फिल्मों से एक्शन हीरो के रूप में पहचान बनाने वाले अभिनेता विद्युत जामवाल ने कहा कि उनके प्रशंसक अक्सर उनसे बड़े बजट की फिल्म में काम करने के लिए कहते थे और वे ‘क्रैक’ के जरिए ऐसा ही कर रहे हैं। फिल्म में अभिनेता अर्जुन रामपाल विलेन की भूमिका में हैं, रामपाल ने कहा कि फिल्म में स्टंट पर काम करते समय उन्हें स्लिप-डिस्क हो गई थी।

रामपाल ने कहा कि उन्हें लगातार खुद पर दबाव डालना पड़ा और इस प्रक्रिया में उन्हें स्लिप डिस्क हो गई जिसके कारण शूटिंग दो-तीन हफ्ते के लिए रद्द करनी पड़ी, अभिनेत्री नोरा फतेही ने कहा कि फिल्म की शूटिंग के दौरान वो भी घायल हो गई थीं। उन्होंने कहा कि “एक सीन की शूटिंग के दौरान जहां हम दोनों रोलर ब्लेड पर थे, हम दोनों पूरी गति से जा रहे थे और अचानक मैं गिर गई, “क्रैक- जीतेगा तो जिएगा” 23 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है।

विद्युत जामवाल ने कहा कि कोई मुझे बोलता है कि यह बंदा पागल है, मुझे पंसद आता है वो आदमी। मेरी मां क्रैक है क्योंकि जब मैं शूटिंग पर जाता हूं सुबह साढ़े पांच बजे उठकर , उस दिन एक्शन की शूट होती है वो पूजा में बैठ जाती हैं और जब तक शूट खत्म नहीं होती है वो बैठी रहती हैं और जब शूट खत्म हो जाती है तो मैं उनको फोन करता हूं और बोलता हूं हो गई तो उनकी पूजा खत्म। वो होता है क्रैकपन। सारे दिन पैशनेट की तरह किसी चीज के पीछे पड़े रहना।”

उन्होंने कहा कि “तो क्रैक हर आदमी है जो पैशनेट की तरह किसी भी चीज के पीछे पड़ जाए और जब उसको मिल जाए तो लोग उसको कहते हैं कि ये क्रैक है।”

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