New Delhi: खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने नई दिल्ली में खिलाड़ियों के लिए सप्लीमेंट जांच केंद्र का वर्चुअल उद्घाटन किया। यह केंद्र नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर में है। केंद्र में अलग-अलग सप्लीमेंट की जांच होगी, ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि उनमें ऐसा कोई पदार्थ न हो, जो वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी में प्रतिबंधित है।
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि “अब न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट की कोई सुविधा नहीं थी, उसकी जांच करने की, वो भी बन गई है। उससे देश भर के जिम्स में अगर कोई खराब सप्लीमेंट मिलते हैं, पावर एन्हांसेज कोई मिलते हैं तो उसको भी चेक किया जा सकता है। उसको भी तेजी लाई जाएगी और दूसरी ओर खिलाड़ियों में जागरुकता फैलाने के लिए इस टेस्टिंग लेबोरेट्री का लाभ भी मिलेगा और अच्छे सप्लीमेंट उनको सही समय पे मिलें, वो भी होगा।”
केंद्र की प्रमुख डॉक्टर आस्था पांडे ने केंद्र के मकसद के बारे में विस्तार से बताया। आस्था पांडे ने कहा कि “300 से ज्यादा प्रतिबंधित दवाएं हैं, जिनपर सालाना आधार पर प्रतिबंध लगता है। उनकी जांच के लिए कोई लैब नहीं था। सेंटर ऑफ एक्सेलेंस न सिर्फ भारतीय निर्माताओं की मदद करेगा, बल्कि दूसरे देशों में जांच करवाने वाली कंपनियों की भी मदद करेगा। वे भी भारत में उत्पादों की जांच करवा सकते हैं। इसलिए ये भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है।”
इसके साथ ही एनएफएसयू के कैंपस डायरेक्टर ने यूनिवर्सिटी में उपलबद्ध सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि “फूड टेस्टिंग सेंटर उपलब्ध है।यूनिवर्सिटी में फूड टेस्टिंग सेंटर और सप्लीमेंट टेस्ट सेंटर साथ काम करेंगे, हमारी यूनिवर्सिटी में तीसरा सेंटर नार्कोटिक्स ड्रग सेंटर है। तो हम जांच कर सकते हैं कि खाने में नारकोटिक्स पदार्थ है या नहीं।” यह केंद्र खेल मंत्रालय, फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी, गांधीनगर और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी औफ इंडिया ने मिलकर शुरू किया है।