मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत अब तीन पड़ोसी देश के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा.
दरअसल, बीजेपी इससे पहले भी एलान कर चुकी है कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा. अमित शाह ने हाल ही के चुनावी भाषण में कई बार नागरिकता संशोधन कानून या CAA लागू करने की बात कर चुके हैं. अब केंद्र सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करते हुए लागू कर दिया है.
CAA के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता दी जाएगी. केंद्र सरकार ने CAA से संबंधित एक वेब पोर्टल पर भी तैयार कर लिया हैं. जिसे नोटिफिकेशन के बाद लॉन्च किया जाएगा. तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी. इसके लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी.
किन लोगों को मिलेगी नागरिकता?
नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के पास है. पड़ोसी देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों से आने वाले प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन किया गया है. ऐसे प्रवासी नागरिक, जो अपने देशों में धार्मिक उत्पीड़न से तंग आकर 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर शरण ले चुके हैं. इस कानून के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है, जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बगैर घुस आए हैं या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हैं, लेकिन तय अवधि से ज्यादा समय कर यहां रूक गए हो.