Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में 11 साल की बच्ची जन्नत अपने पिता के साथ श्रीनगर की डल झील की सफाई में जुटी है, देश में चलाए जा रहे स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत श्रीनगर की 11 साल की इस बच्ची ने डल झील की सफाई के लिए दो दिनों तक मुहिम चलाई।
झील में शिकारा चलाते हुए जन्नत ने प्लास्टिक की बोतलें और दूसरे तैरते कचरे को इकट्ठा किया, सफाई अभियान में जुटी जन्नत खूबसूरत डल झील को अपना घर बताती हैं। वो डल झील आने वाले सैलानियों को संदेश भी देना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2018 में ट्विटर पर जन्नत का वीडियो साझा कर दूसरों को पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने का संदेश दे चुके हैं.
जन्नत का कहना है कि “मैंने सोचा, आज मैं अपनी सराउंडिंग को क्लीन कर लेती हूं। तो आज मैंने अपनी सराउंडिंग को क्लीन किया और मैं हरेक हाउस बोट वाले को बोलना चाहती हूं, आप अपने-अपने सराउंडिंग क्लीन कीजिए।” “मुझे सेवेन ईयर्स डल लेक को क्लीन करते हुए हो गए। जब मैं पांच साल की थी, मैंने तब से डल लेक को क्लीन किया है।”
उन्होंने कहा कि “मुझे अल्कोहल का कूड़ा मिलता है और ये पेपर जो यहां आते हैं, शिकारों में, कस्टमर पीते हैं और वो फेंकते हैं डल लेक में। तो मैं बोलना चाहती हूं कि अल्कोहल की दुकानें भी बंद होना चाहिए। इससे माहौल भी खराब होता है। और मतलब ये सारा कूड़ा ये डस्टबिन में नहीं फेंकते। ये डल लेक में फेंकते हैं।”
Jammu Kashmir:
जन्नत ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि “मैं हर टूरिस्ट को बोलना चाहती हूं, अगर आप कुछ भी खाएं आप डस्टबीन में डालें, पानी में नहीं। या तो आप शिकारा में रखके, आप शिकारा वाले को बोलिए, आप जो भी डस्टबिन है, आप बिल्वार्ड रोड पे जो भी डस्टबिन है, उसमें फेंकिए। और यहां के हाउस बोट वालों को भी बोलना चाहती हूं, कूड़े वाले इधर नहीं आते हैं तो हम उसकी रेस्पॉन्सिबिलिटी लेते हैं। हम उनको बोलेंगे आप वहां जाओ। पर आप कूड़ा डल लेक में मत फेंको।”
वहीं जन्नत के पिता का कहना है कि “मेरी बेटी और मैं, हम मैसेज भी देते रहते हैं। ये सब करते रहते हैं।तो ये मुझे लगता है कि इसका असर बहुत है। टूरिस्ट जो आते हैं वो देखते हैं जब मेरी बेटी सफाई करती है। तो वो भी, जैसे हमारे यहां पे टूरिस्ट आते हैं, अगर कोई कोशिश भी करेगा फेंकने के लिए, हम उनको रोकते हैं। तो मैं चाहता हूं कि जितने भी यहां पे लोग घूमने के लिए आते हैं, चहे वो बिल्वार्ड रोड पे या कहीं पर भी आते हैं। शिकारा में आते हैं, डस्टबिन का इस्तेमाल करना चाहिए। डस्टबिन्स हर जगह पे लगे हैं।”