Kerala News: केरल के कन्नूर जिले की 63 वर्षीय जानकी अम्मा 11 सालों से अपने गांव के पास के तालाब में तैराकी सीखा रहीं हैं, अब तक जानकी अम्मा ने चुंडा गांव के बच्चों और बुजुर्गों सहित एक हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया है। चुंडा गांव में बच्चों के अलावा काफी संख्या में महिलाएं भी हर सुबह तैराकी सीखने के लिए तालाब पर आती हैं।
जानकी अम्मा का कहना है कि सबसे पहले मैंने अपने घर के सभी बच्चों को सिखाया। ऐसा कोई मकसद नहीं था, लेकिन जब मेरे बच्चों ने इसे सीखा, मैंने दूसरे बच्चों को भी सिखाने का फैसला किया। जैसा कि आप देख सकते हैं, ये तीसरा या चौथा बैच है। मैंने सुना है कि और भी लोग ट्रेनिंग में शामिल होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
अम्मा कहती हैं कि तैराकी नहीं आने की वजह से कई लोग डूब गए। उन्होंने जब इसके बारे में सुना तो उन्होंने लोगों को तैराकी सिखाने का फैसला किया। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि “वो कई सालों से सिखा रहीं हैं। उन्होंने न केवल अपने गांव के, बल्कि गांव के बाहर के भी कई बच्चों को सिखाया है और ये सब उन्होंने समाज में सभी को एकजुट रखकर किया है।”
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जानकी अम्मा के छात्रों ने उन्हें एक बेहतरीन ट्रेनर के रूप में प्रमाणित किया है। उनका मानना है कि जब वो उन्हें सिखाती हैं,तो तैराकी बहुत आसान हो जाती है। इसके साथ ही छात्राओं का कहना है कि “जानकी अम्मा हमें कितना अच्छा सिखाती हैं। हमने सिर्फ तीन दिन में सीख लिया। अब बहुत मजा आ रहा है। पहले मुझे पानी से डर लगता था, लेकिन अब सारा डर खत्म हो गया है।”