रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ में बद्री केदार मन्दिर समिति, पुरातत्व विभाग और पर्यटन विभाग की अनदेखी के कारण भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में ऊषा अनिरुद्ध के विवाह का साक्षी शादी का मण्डप धीरे – धीरे खण्डहर में तब्दील होता जा रहा है। स्थानीय जनता की ओर से विवाह मण्डप के संरक्षण और संवर्धन की मांग समय – समय पर की जाती है लेकिन मन्दिर समिति, पुरातत्व और पर्यटन विभाग विवाह मण्डप की सुध लेने को तैयार नहीं है। लोक मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में बाणासुर की पुत्री ऊषा ऊखीमठ में शिक्षा ग्रहण करती थी। ऊषा के नाम से यह स्थान ऊषामठ के नाम से विख्यात हुआ।