उत्तराखंड के 5 सबसे प्राचीन शिव मंदिर, यहां पूरी होती है भक्तों की हर मनोकामना

सृष्टि के आदि एवं अनंत भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास का आज (14 जुलाई) से शुभारंभ हो गया है. भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए सावन का महीना बेहद महत्व रखता है. धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में जो भी व्यक्ति भोलेनाथ और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होने के साथ ही उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है. शिव जी को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता माना जाता है. ऐसे में देवों के देव महादेव की सच्चे मन से भक्ति करने पर हर कष्ट से मुक्ति मिल जाती है. वही अगर बात करे उत्तराखंड को शिवजी का ससुराल माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं में उत्तराखंड में कई देवी-देवताओं का निवास स्थल बताया जाता है। ये ही वजह है कि इसे देवभूमि कहा जाता है। यानी देवताओं की सबसे पवित्र भूमि। आइए आपको उत्तराखंड के सबसे प्राचीन और चमत्कारिक शिव मंदिरों की धार्मिक यात्रा पर ले चलते हैं।

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