Uttarakhand: उत्तराखंड में ईगास का त्यौहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, दीपावली की तरह ही इस त्यौहार को उत्तराखंड में मनाते हैं. ईगास के साथ-साथ इसको बूढ़ी दिवाली भी कहा जाता है, ईगास का अपना अलग ही महत्व है.
कहा जाता है कि उत्तराखंड में दीपावली के 11 दिन बाद ईगास का त्यौहार मनाया जाता है, क्योंकि जब भगवान श्रीराम वनवास से वापस लौटे थे, तो सभी लोगों ने अपने घरों में दिए जलाकर दीपावली मनाई थी. लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण और दूरसंचार का कोई व्यवस्था न होने के कारण उत्तराखंड में भगवान श्री राम के लौटने की खबर 11 दिन बाद पहुंची थी.
तभी पहाड़ी क्षेत्र के लोगों ने दीपावली बनाई थी इसलिए ईगास का त्यौहार 11 दिन बाद मनाया जाता है, इस बार ईगास का त्यौहार 23 नवंबर को मनाया जाएगा. जिस पर जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाएंगे और राजधानी देहरादून में भी नगर निगम टाउन हॉल में 23 नवंबर को कार्यक्रम रखा गया है.
जिसमें कई गणमान्य लोग सम्मिलित होंगे और इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाएंगे, इतना ही नहीं बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा.