Uttarakhand: केदारनाथ और मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने की तारीख हुई घोषित

Uttarakhand: 11 वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ, द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने की तारीख विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है. भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर घोषित तिथि के अनुसार इस बार भगवान केदारनाथ के कपाट आगामी 15 को भैयादूज पर्व पर सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जायेगें.

कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होगी. जो लिनचोली, जंगलचट्टी , गौरीकुंड, सोनप्रयाग, सीतापुर यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी. 16 नवम्बर को पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली रामपुर से रवाना होकर शेरसी, बडा़सू, फाटा, मैखण्डा, नारायण कोटी, नाला सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी तथा 17 नवम्बर को गुप्तकाशी से रवाना होकर शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी.

पंच केदारो में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने की तिथि भी विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है. पंचाग गणना के अनुसार इस बार मदमहेश्वर धाम के कपाट आगामी 22 नवम्बर को सुबह आठ बजे वृश्चिक लगन में शीतकाल के लिए बन्द किये जायेंगे.

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भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होकर कूनचट्टी, मैखम्बा, नानौ, खटारा, बनातोली यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गाँव पहुंचेगी. 23 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गाँव से रवाना होकर द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचेगी.

इसके साथ ही 24 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली उनियाणा, राऊलैंक, मनसूना यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गाँव पहुंचेगी और 25 नवम्बर को अन्य यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी, भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर भव्य मेले का आयोजन किया जायेगा.

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