Uttarakhand: पर्वतारोही बेटी सविता कंसवाल को मरणोपरांत दिया गया राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार

Uttarakhand: उत्तरकाशी की पर्वतारोही सविता कंसवाल देश की पहली महिला थी, जिसने 16 दिन के अंतराल में माउंट एवरेस्ट और माउंट मकालू का आरोहण किया था. लेकिन द्रौपदी का डांडा एवलांच में आसमान छूती चोटियों को लांघने वाली पर्वतारोही सविता कंसवाल बर्फ के आगोश में हमेशा के लिए सो गई थीं.

आज सविता को मरणोपरांत तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड दिया गया है, बता दें कि उत्तरकाशी की पर्वतारोही बेटी सविता कंसवाल को मरणोपरांत लैंड एडवेंचर में तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार 2022 दिया गया. यह अवार्ड राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके पिता राधेश्याम कंसवाल को सौंपा, अवार्ड ग्रहण करने के लिए सविता की मां कमलेश्वरी देवी भी पहंची।

इसके साथ ही सीएम धामी ने कहा कि- “देवभूमि की बेटी पर्वतारोही स्व. सविता कंसवाल जी को मरणोपरांत “तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार-2022″ से सम्मानित किया गया। नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सविता जी के पिताजी राधेश्याम कंसवाल जी को यह सम्मान दिया गया। सविता कंसवाल जी पहली भारतीय महिला पर्वतारोही थी, जिन्होंने 16 दिन के अंतराल में माउंट एवरेस्ट और माउंट मकालू पर तिरंगा फहराया था। सविता जी के अदम्य साहस और दृढ़ता को कोटिशः नमन!”

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