बेरोजगार संघ ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, UKSSSC की परिक्षाओं में लगाया धांधली का आरोप

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की गई स्नातक स्तरीय परीक्षा परिणाम में अनियमितताओं को लेकर बेरोजगार संघ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज बेरोजगार संघ ने गांधी पार्क में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। जिसके बाद बेरोजगार संघ ने पैदल मार्च करते हुए मुख्यमंत्री आवास कूच किया।
मुख्यमंत्री आवास कूच के दौरान बेरोजगारों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। जिसके बाद मौके पर पहुंचे मजिस्ट्रेट को बेरोजगारों ने ज्ञापन सौंपा। मजिस्ट्रेट ने सोमवार को बेरोजगारों के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री से मिलवाने का वादा किया। जिसके बाद बेरोजगार पीछे हटे। इस दौरान बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार ने कहा कि सोमवार तक बेरोजगार रुकेगा। अगर मुख्यमंत्री से नहीं मिले तो आने वाले दिनों में प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा।
बेरोजगार संघ का आरोप हो कि तीन पालियों में आयोजित की गई इस परीक्षा में आयोग द्वारा कई सही प्रश्नों को डिलीट कर दिया गया था, जबकि कई गलत प्रश्नों को सही मान लिया गया है। इससे लाखों योग्य उम्मीदवार चयन से वंचित रह गए। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां यूकेपीएससी द्वारा 3 अप्रैल को 2.58 लाख से अधिक आवेदन वाली परीक्षा को एक ही पाली में आयोजित कराया गया है, जबकि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 2.20 लाख आवेदन वाली इस परीक्षा को तीन पालियों में संपन्न कराया गया। साथ ही इसी तरह अन्य परीक्षाओं को भी एक से अधिक पालियों में कराकर नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाकर इसे अभ्यर्थियों के लिए जटिल बनाया गया।
उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी फॉरेस्टर की भर्ती को 18 पालियों में संपन्न कराया गया। जिसमें 332 प्रश्नों को हटाया गया व नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया जैसी कई अनियमितताएं देखने को मिलीं। इससे योग्य उम्मीदवार चयन से वंचित रह गए तथा कम अंक वाले अभ्यर्थी चयन पा गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आयोग में कार्यरत वर्तमान अध्यक्ष से भी इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आयोग में कार्यरत वर्तमान अध्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक के कार्यकाल में कई परीक्षाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं।
सरकार से नाराज बेरोजगारों का कहना है कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात की जा रही है किंतु उसके बावजूद भी यह तीनों पदाधिकारी अपने पद पर कार्यरत हैं। सभी प्रदर्शनकारियों ने इन अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। बेरोजगारों का कहना है कि यही कारण है कि प्रदेशभर के युवाओं में सरकार के विरुद्ध व्यापक असंतोष पनप रहा है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो प्रदेश भर में उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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