विश्वभर के शिवभक्तों के लिए बुरी खबर है। दुनिया की सबसे मुश्किल धार्मिक यात्राओं में से एक कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल भी नहीं हो पाएगी। लगातार तीसरे साल कैलाश मानसरोवर यात्रा पर ब्रेक लगा है। पिछले दो साल कोरोना संक्रमण की वजह से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर ग्रहण लगा हुआ था। इस बार कोरोना का असर कम होने पर यात्रा शुरू होने की उम्मीद थी लेकिन इस बार भी यात्रा नहीं हो सकेगी।
बता दें कि जून के पहले हफ्ते से हर साल पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा से सटे लिपूलेख दर्रे को पार कर मानसरोवर यात्रा होती रही है। यह मानसरोवर यात्रा 3 माह के लिए आयोजित होती है। यात्रा को लेकर हर साल जनवरी में तैयारी शुरू हो जाती थी। इस बार अप्रैल शुरू हो जाने के बाद यात्रा के आयोजन को लेकर कहीं कोई दिशा निर्देश विदेश मंत्रालय से केएमवीएन को नहीं मिले थे। इसके बावजूद यात्रा से जुड़े कारोबारियों को उम्मीद थी कि जल्द आदेश होंगे। लेकिन अब केएमवीएन के अफसरों का कहना है कि इस बार भी यात्रा नहीं होगी।
पर्यटन विकास अधिकारी लता बिष्ट ने बताया कि मानसरोवर यात्रा नहीं होने से केएमवीएन को नुकसान हो रहा है। उधर, होम स्टे एसोसिएशन अध्यक्ष मदन नबियाल ने बताया कि लगातार मानसरोवर यात्रा के ठप रहने से सीमांत के लोग परेशान हैं। यहां 500 से अधिक लोगों की आजीविका मानसरोवर यात्रियों पर निर्भर है। यात्रा अवधि में काम कर घर चलाने वाले लोग यात्रा रद्द होने से निराश हैं।