ये हैं कलयुग के श्रवण कुमार, माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर करवा रहे हैं यात्रा

हरिद्वार। कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है। सावन के पावन महीने में भगवान भोले का जलाभिषेक करने के लिए सैंकड़ों शिव भक्त हरिद्वार से गंगा जल भरकर अपने-अपने गंतव्य की और जाने लगे हैं। ऐसे में हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान अनोखा नजारा देखने को मिला। यहां गाजियाबाद के रहने वाले विकास गहलोत अपने बुजुर्ग माता पिता को कांवड से यात्रा करवाने के लिए निकले हैं। विकास गहलोत के सेवाभाव और हिम्मत की हर कोई दाद दे रहा है।

चिलचिलाती धूप और सैकडों किलोमीटर के सफर की परवाह किये बगैर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले विकास गहलोत अपने बूढ़े माता पिता को कांवड पर बैठाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के निकले हैं। आज के कलयुग में में जब लोग अपने बुजुर्ग माता-पिता को वृद्धाश्रम भेज देते हैं। ये कलयुग का श्रवण कुमार अपने माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर सैंकड़ों किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं। विकास गहलोत का कहना है कि मैं इस यात्रा के माध्यम से उन लोगों को दिखाना चाहता हूं, जो माता पिता की सेवा नहीं करते, उनको भी पता लगे श्रवण कुमार आज भी है। विकास का कहना है कि मेरे मन में काफी समय से था कि मैं अपने माता-पिता को कावड़ में बैठाकर यात्रा करूं। उनका कहना है कि इस यात्रा में मैंने अपने माता-पिता की आंखों पर पट्टी बाधी है, ताकि वे मेरी पीड़ा ना देखें और भावुक न हो जाए, फिर में यात्रा नहीं कर पाऊंगा। क्योंकि कोई भी माता-पिता अपने बेटे का दर्द नहीं देख सकते। इस यात्रा को करके मुझे काफी खुशी का अनुभव हो रहा है।

विकास अपने माता पिता को कांवड पर बैठा कर सैकडों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करेंगे। विकास गहलोत उन लोगों के लिए प्रेरणादायी हैं जो अपने परिजनों को अकेला छोड़ देते हैं। हरकोई विकास के सेवाभाव और हिम्मत की हर कोई दाद दे रहा है।

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