उत्तराखंड का ये कॉलेज IAS, IPS देने में अव्वल, यहां कभी लालटेन की रोशनी में होती थी पढ़ाई, आज मना रहा है गोल्डन जुबली

नमिता बिष्ट

उत्तराखंड में पुराने महाविद्याल का एक गौरवशाली इतिहास है। इन महाविद्यालय में पढाई कर निकले अनेकों छात्रों ने कीर्तिमान स्थापित किया है। आज हम आपको ऐसे ही एक महाविद्यालय के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां कभी छात्र लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करते थे। जी हां, हम बात कर रहे हैं। उत्तरकाशी जनपद में स्थित रामचंद्र उनियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की। यहां से पढ़कर कई आइएएस, आईपीएस, डॉक्टर, सेना अधिकारी बने है। भारत की पहली महिला एवरेस्ट विजेता बछेंद्रीपाल ने भी इसी महाविद्यालय से पढ़ाई की है। तो चलिए जानते हैं इस कालेज के बारे में

लालटेन के जरिये चलती थी संध्याकालीन कक्षाएं
रामचंद्र उनियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी में सबसे पुराना महाविद्यालय है। एक वक्त था जब इस महाविद्यालय को शुरू करने के लिए लालटेन के जरिये संध्याकालीन कक्षाएं संचालित होती थी और कलेक्ट्रेट सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों ने भी स्नातक की पढ़ाई के लिए प्रवेश लिया था। जो दिन के समय नौकरी और ड्यूटी समाप्त होने के बाद पढ़ाई के लिए महाविद्यालय पहुंचते थे।

1969 में हुई थी कालेज की स्थापना
रामचंद्र उनियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की स्थापना को 53 साल हो चुके हैं। इसकी स्थापना 1969 में हुई थी। उस समय महाविद्यालय सीमित संसाधनों में एक टीनशेड पर संचालित होता था। लेकिन इन सालों में महाविद्यालय में बड़े बदलाव हुए हैं।

गौरवशाली इतिहास को समेटे है कालेज
आज महाविद्यालय में आधुनिक कक्ष-कक्षाएं बन चुके हैं। अपने गौरवशाली इतिहास को समेटे इस महाविद्यालय से पढ़ाई कर सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर देश और प्रदेश में अपनी काबिलियत का लौहा मनवाया है। पद्मभूषण एयर मार्शल विजयपाल सिंह राणा ने उत्तरकाशी महाविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है। वह मूल रूप से उत्तराखंड के टिहरी जिले के धारमंडल पट्टी के नेल्डा गांव निवासी है। इतना ही नहीं इस महाविद्यालय में पढ़े ज्ञान चंद, विजयपाल सजवाण, गोपाल रावत और बृजभूषण गैरोला विधायक बने है।

बछेंद्रीपाल ने भी इसी कालेज से की पढ़ाई
इस महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने अपनी पढ़ाई के साथ पर्वतारोहण में भी अपना हुनर दिखाया है। इस महाविद्यालय के 12 पूर्व छात्र-छात्राएं ऐसे हैं, जिन्होंने विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया है। वहीं भारत की पहली महिला एवरेस्ट विजेता बछेंद्रीपाल ने भी इसी महाविद्यालय से पढ़ाई की है। इसी तरह से पुलिस, सेना, चिकित्सा, न्याय विभाग, शिक्षा विभाग में कई उच्च अधिकारी भी इसी महाविद्यालय से पढ़कर आगे बढ़े हैं।

पूर्व छात्रों ने हासिल की खास उपलब्धि
रामचंद्र उनियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व छात्रों ने देश दुनिया में खास उपलब्धि हासिल की है। जिनमें 2 आइएएस, 4 आइपीएस, 40 चिकित्सक, 500 असिस्टेंट प्रोफेसर, 5 हजार शिक्षक, 100 सेना में अधिकारी, 5 हजार सेना व अर्द्ध सेना में जवान, 22 विज्ञानी, 14 प्राचार्य व शिक्षा अधिकारी, 2 न्यायधीश, 4 विधायक, 5 पीसीएस व पीपीएस शामिल है।

12 और 13 नवंबर को होगा कार्यक्रम
शुरू से ही इस महाविद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है। इन्ही गौरवपूर्ण स्मृतियों को महाविद्याल 12-13 नवंबर को पूर्व छात्र सम्मेलन में समेटने की कोशिश करेगा। बता दें कि अपनी स्थापना के 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए महाविद्यालय प्रशासन और पुरातन छात्र परिषद ने मार्च 2020 में तैयारी की थी। लेकिन कोविड के कारण कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। अब यह कार्यक्रम आगामी 12 और 13 नवंबर को है।

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