पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मद्महेश्वर के कपाट खोलने व पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ से धाम रवाना होने की तिथि आगामी 14 अप्रैल बैसाखी के अवसर पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जायेगी।
भगवान मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजा ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में सम्पन्न होती है। तथा भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से धाम रवाना होने से पूर्व स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा नए अनाज का भोग लगाने की परम्परा प्राचीन है। बता दें कि मद्महेश्वर धाम रासी गांव से लगभग 16 किलोमीटर की दूर सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य विराजमान है। मद्महेश्वर धाम में भगवान शंकर के मध्य धाम की पूजा की जाती है।