भगवान मद्महेश्वर और तुंगनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित, इस दिन से श्रद्धालुओं कर सकेंगे दर्शन                  

बैसाखी के अवसर पर भगवान मद्महेश्वर और तुंगनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय हुई। पंच केदारो में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मद्महेश्वर के कपाट 19 मई तो तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट 6 मई को दोपहर 12 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जायेंगे। ग्रीष्मकाल के लिए कपाट खोलने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बता दें कि, मदमहेश्वर में भगवान शंकर के मध्य भाग की पूजा होती है और तुंगनाथ में भुजाओं की पूजा की जाती है।
द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर
भगवान मद्महेश्वर के कपाट खोलने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से धाम रवाना होने की तिथि वैशाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी। 15 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियां ओकारेश्वर मन्दिर के गर्भ गृह से सभा मण्डप में विराजमान होगी तथा स्थानीय जनता द्वारा नये अनाज का भोग अर्पित किया जायेगा। 16 मई को भगवान मदमहेश्वर के दर्शन शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में होगें। 17 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर से रवाना होकर रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचेगी। 18 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर से रवाना होकर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंचेगी। 19 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गांव से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए मद्महेश्वर धाम पहुंचेगी तथा डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मद्महेश्वर के कपाट लगनानुसार ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे।
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ
पंच केदारो में केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान के कपाट खोलने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के मक्कूमठ से धाम रवाना होने की तिथि वैशाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है। 3 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली मक्कूमठ से रवाना होगी तथा प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गांव के मध्य भूतनाथ मन्दिर पहुंचेगी तथा स्थानीय जनता द्वारा नए अनाज का भोग अर्पितकर विशाल पुणखी मेले का आयोजन किया जायेगा। 4 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मन्दिर के ही भक्तों को दर्शन देगी। 5 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मन्दिर से रवाना होकर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी। 6 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए तुंगनाथ धाम पहुंचेगी तथा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ के कपाट दोपहर 12 बजे ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे।

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