UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस पर खूब बरसे, उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान देश व आम जनता के लिए कांग्रेस की जो मानसिकता थी, वह कल एक बार फिर उजागर हुई है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी कहीं न कहीं यह सब इशारे थे। सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस ने देश के संसाधनों को लगभग 60-65 वर्षों तक लूटा। अब उसकी नीयत आम जनता की संपत्ति पर लगी हुई है, इस कारण अब वह विरासत टैक्स की बात कर रहे हैं, यह पहले से ही देश की कीमत पर राजनीति करते रहे हैं, विरासत टैक्स भी उसी का हिस्सा है।
सीएम योगी ने कहा कि एक तरफ यह टैक्स लादकर आम जनता को तबाह करेंगे, उनकी संपत्तियों को जबरन कब्जे में लेंगे, फिर घुसपैठिए को देंगे, जिनका भारत से कोई संबंध नहीं है। यह तो अच्छा हुआ कि 2014 में कांग्रेस की विदाई हो गई, वरना कांग्रेस तभी लागू कर चुकी होती। सैम पित्रोदा की बात वही है, जो पी. चिदंबरम कह चुके हैं और कांग्रेस कर चुकी है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस का वक्तव्य बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, भारत के इस्लामीकरण करने व विभाजन की ओर ढकेलने की कुत्सित चेष्टा का हिस्सा है, यूपीए सरकार आने के बाद कांग्रेस ने उस समय भी कुत्सित प्रयास किए थे। पहले जस्टिस रंगनाथ मिश्रा के नेतृत्व में कमेटी गठित की थी। रंगनाथ कमेटी ने प्रयास किया था, उस कमेटी की रिपोर्ट भी ध्यान आकर्षित करती थी कि ओबीसी वर्ग को मिलने वाला 27 फीसदी आरक्षण है, उसमें छह फीसदी आरक्षण मुस्लिम को दे दिया जाए। उस कमेटी की रिपोर्ट में यह भी था कि जो लोग कन्वर्ट हो चुके हैं। मुस्लिमों का एक तबका ऐसा है, जिसे दलितों का हिस्सा बनाया जाए। दलितों को मिलने वाली सुविधाओं के अनुरूप उन्हें ट्रीट किया जाए। उस समय भारतीय जनता पार्टी ने बहुत बड़ा आंदोलन किया था।
सीएम योगी ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने कहा है कि हम मुसलमानों को 32 फीसदी आरक्षण देंगे। यह चीजें सच उजागर करती हैं। कांग्रेस के सांसद पद के प्रत्याशी भी सैम पित्रोदा की बातों का समर्थन कर रहे हैं। यह चीजें दिखाती हैं कि इनकी मंशा देश के प्रति अच्छी नहीं है। अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ी जाति के लोगों को मिले संवैधानिक अधिकारों से यह लोग वंचित करना चाहते हैं। उनके अधिकारों को जबरन लूटना और विरासत टैक्स के आधार पर देश को तबाह करना चाहते हैं, आमजन को इनके प्रति सतर्क रहना होगा। कांग्रेस व इंडी गठबंधन के लोगों के मंसूबों को खारिज करने के लिए लोकतांत्रिक अधिकार का सही प्रयोग करना होगा।