Ramnagar: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हर साल लाखों की तादात में देश-विदेश से पर्यटक कॉर्बेटी पार्क के वनों और वन्यजीवों के दीदार के लिए यहां पहुंचते हैं, लेकिन पिछले दिनों रेटों में व्रद्धि के बाद पर्यटकों की आवाजाही में देखी जा रही है कमी, इसके साथ ही पर्यटन से जुडें कारोबारी भी नाखुश नज़र आ रहे है।
कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में हर साल पर्यटक कॉर्बेट पार्क के अलग-अलग जोनों में डे सफारी के साथ ही नाईट स्टे के लिए लाखों की तादात में पहुँचते है। कभी वन्य जीवों के लिए बनाए गए यह आरामगाह आज वाइल्डलाइफ टूरिज्म के लिए मुफीद साबित हो रहे हैं. लेकिन अब एक तरफ वन विभाग के सामने इनके रखरखाव का जिम्माद जो महंगाई बढ़ने के कारण महंगा होता जा रहा है.
दूसरी तरफ शुल्क वृद्धि के कारण स्थानीय और आम लोगों की यहां आवाजाही में फर्क दिख रहा है. बता दें कि पिछले माह 14 सालों बाद शासन ने कॉर्बेट पार्क के डे सफारी में तीन गुना वृद्धि कर दी है, उसके साथ नाइट स्टे के रेट्स भी डबल से ज्यादा हो गए हैं, जिसका सीधा असर पर्यटन पर पड़ा और यहां सैलानियों की संख्या एकदम कम हो गयी है.
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बता दें कि पहले डे सफारी के लिए 4300 रुपये देने होते थे, वहीं अब डे सफारी के लिए पर्यटकों को 6680 रुपये देने होंगे। वहीं अगर नाईट स्टे की बात करें तो पहले सबसे चर्चित जोन ढिकाला में जो रूम 2500 का था, वहीं अब भारतीयों के लिए 4000हज़ार का और विदेशी पर्यटकों के लिए 8हज़ार का हो गया है। इस हिसाब से रेटों के तीन गुना तक बढ़ने से पर्यटन कारोबारियों में निराशा साफ देखी जा रही है.
पर्यटन से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि रेड बढ़ना सही है पर एक साथ बढ़ाना उचित नहीं है, धीरे-धीरे करके रेट बढ़ने चाहिए थे। वही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन अमित गवास्कोटि ने कहा कि 14 साल बाद गरेट बढ़ाये गए हैं, उन्होंने कहा कि इससे शासन के राजस्व में वृद्धि होगी,साथ ही उन्होंने कहाँ कि अब हर वर्ष सर्टेन परसेंटेज पर बढ़ोतरी की जाएगी।