Politics of Uttarakhand: हरीश रावत बोले ‘पद का सौदा कर रही BJP’, क्या है CIC सिलेक्शन पर रार?

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देहरादून. पूर्व सीएम और कांग्रेस इलेक्शन कैम्पेन कमेटी के चेयरमैन हरीश रावत ने आरोप लगाया कि बीजेपी मुख्य सूचना आयुक्त के पद का सौदा कर रही है. रावत ने अंदेशा जताया कि बीजेपी इस पद पर संघ से जुड़े एक खांटी रिटायर्ड आईएएस को लाना चाहती है. उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के माहौल में इस महत्वपूर्ण पद को लेकर रावत के बयान के बाद सियासी पारा चढ़ गया है. न्यूज़18 के साथ बातचीत में रावत ने कहा कि इस नियुक्ति के लिए कई मंत्रियों को सेट किया जा रहा है. ‘ये परिपाटी ठीक नहीं है. अगर सूचना आयुक्त जैसे पदों पर भी बारगेनिंग होगी, तो फिर इस राज्य का भगवान ही मालिक है.’

रावत के बयान के बाद सियासी अखाड़े में एक नया मुद्दा खड़ा हो गया है और राज्य की भाजपा सरकार ने इस आरोप पर बचाव करने के लिए खुद रावत पर तोहमत मढ़ दी है. सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल का कहना है कि हरीश रावत जब सीएम थे, तब वह खुद व्यक्ति विशेष को मुख्य सूचना आयुक्त बनाने चाहते थे. लेकिन तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष के विरोध के कारण उसमें सफल नहीं हो पाए थे. उनियाल ने कहा ‘जो कमेटी मुख्य सूचना आयुक्त का सिलेक्शन करती है, उसमें नेता प्रतिपक्ष भी शामिल होते हैं, तो हरीश रावत को पता होना चाहिए कि सरकार मनमानी नहीं कर सकती.’

‘ये कांग्रेस की अंतर्कलह का सबूत है’
सूचना आयुक्त चयन करने वाली वर्तमान कमेटी में सीएम पुष्कर धामी, मंत्री बंशीधर भगत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी शामिल हैं. बकौल उनियाल अगर प्रीतम सिंह नहीं चाहेंगे तो सिलेक्शन नहीं हो पाएगा. अब उनियाल का कहना है कि रावत का बयान कांग्रेस की अंतर्कलह को उजागर करता है क्योंकि ऐसा बयान देकर हरीश रावत खुद अपनी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को भी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं.

गौरतलब है कि उत्तराखंड सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त समेत चार सूचना आयुक्त होते हैं. वर्तमान में मुख्य सूचना आयुक्त का पद भी खाली है तो तीन सूचना आयुक्त के पद पर भी कोई नियुक्ति नहीं हुई है. आयोग में केवल एक सूचना आयुक्त हैं, जो कोरम पूरा न होने के कारण मामलों की सुनवाई नहीं कर सकते. ऐसे में करीब ढाई हज़ार से अधिक शिकायतें आयोग में पेंडिंग पड़ी हुई हैं.

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