पंच केदारो में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात मदमहेश्वर धाम में नौ दिवसीय शिव महापुराण और श्रीमद् देवी भागवत कथा का शुभारंभ वेद ऋचाओं के साथ हो गया है. मदमहेश्वर धाम में तीन दिवसीय कथाओं के आयोजन से मदमहेश्वर धाम का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है. मदमहेश्वर धाम में भगवान शंकर के मदमहेश्वर भाग की पूजा की जाती है तथा भगवान मदमहेश्वर को न्याय का देवता माना जाता है! मदमहेश्वर धाम पहुंचने के लिए रासी गाँव से 16 किमी दूरी पैदल तय करनी पड़ती है. मदमहेश्वर धाम के कपाट हर साल नवम्बर माह के तीसरे सप्ताह में पंचाग गणना के अनुसार शीतकाल के लिए बन्द किये जाते है तथा शीतकाल के छ: माह भगवान मदमहेश्वर की पूजा ऊखीमठ में होती है .