कोरोना के नए वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता, उत्तराखंड भी अलर्ट, सैंपलों की जीनोम सीक्वेसिंग होगी जरूरी

चीन समेत कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने से केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद उत्तराखंड भी सतर्क हो गया है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद जल्द ही नई एसओपी जारी की जाएगी। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने सभी जिलों को कोरोना संक्रमितों के 10 प्रतिशत सैंपलों को जीनोम सीक्वेसिंग के लिए भेजने के लिए निर्देश दिए हैं।

राज्य में ओमिक्रॉन वेरिएंट सक्रिय
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने विभागीय अधिकारियों की बैठक कर सीएमओ को निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमितों के 10 प्रतिशत सैंपलों की अनिवार्य रूप से जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाए। जिससे कोरोना के नए स्ट्रेन का पता लग सके। उन्होंने बताया कि राज्य में अभी तक ओमिक्रॉन के पुराना स्वरूप का प्रभाव है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पता लगने के लिए दून मेडिकल कॉलेज में संक्रमित सैंपलों की जीनोम सीक्वेसिंग की जा रही है। इसमें यह पाया गया कि कोरोना की तीसरी लहर में सामने आया ओमिक्रॉन वेरिएंट राज्य में सक्रिय है। जो घातक नहीं है। वहीं फिलहाल वायरस का नया वेरिएंट नहीं मिला है।

अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में जल्द शुरू होगी जीनोम सीक्वेंसिंग
प्रदेश में अभी तक राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून में ही कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का पता लगने के लिए संक्रमितों के सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है। वहीं अब जल्द ही अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में भी जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी। इसके लिए लैब स्थापित किए जा रहे हैं। वर्तमान में कोविड जांच के लिए 12 सरकारी लैब स्थापित हैं। इसके अलावा 30 से अधिक निजी पैथोलॉजी लैब में भी कोविड जांच हो रही है।

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