Nainital: अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर उत्तराखंड का नैनीताल हर पर्यटन सीजन में भारी ट्रैफिक जाम और पार्किंग की समस्या का सामना करता है, लेकिन इस साल इस समस्या से काफी हद तक निजात मिलने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार ने मेट्रोपोल होटल परिसर को अस्थाई तौर पर राज्य सरकार को सौंपने का फैसला किया है। इसका इस्तेमाल पार्किंग के लिए किया जाएगा। इससे सैलानियों और स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिलेगी।
अधिकारियों ने बताया कि होटल परिसर को गाड़ियां पार्क करने के लिहाज से तैयार किया जाएगा। नैनीताल एडीएम पिंचाराम ने बताया कि “भारत सरकार से इसमें पार्किंग की अनापत्ति मांगी गई थी। और इसमें मेट्रोपोल से हमने अतिक्रमण हटाया उस भूमि पर और जो खाली थी पहले से ही, और पार्किंग के ऊपर जो और स्ट्रेस है, जहां नगरपालिका कूड़ा कर रही है, उसी स्पेस में हम लोगों के द्वारा भारत सरकार से कस्टोडियन से ये अनुमति चाहिए थी कि हमको पार्किंग की इसमें अनुमति दे दी जाए।
तो संभवत: अभी पार्किंग कई अनुमति मिल गई है। शासन से भी इसमें सूचना के माध्यम से जानकारी प्राप्त हो रही है। तो हम इसमें पार्किंग को डेवलप करेंगे। पार्किंग स्पेस को बढ़ाएंगे और जो भी मानक हैं, उसपर काम करते हुए नैनीताल में जो विशेष रूप में हमें आवश्यकता है, पार्किंग की, उसको डेवलप करेंगे।”
लोगों ने बताया कि होटल परिसर में करीब चार-पांच सौ गाड़ियां आसानी से खड़ी की जा सकती हैं। इससे शहर में ट्रैफिक जाम से काफी राहत मिलेगी।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “हमें मेट्रोपोल पार्किंग, जो बहुत बड़ी पार्किंग है, जिसमें करीब 400-500 गाड़ियां आ सकती हैं, वो मिल गई है उत्तराखंड सरकार को। अब उसमें स्थाई रूप से पार्किंग होगी। गाड़ियों को पार्क करा जाएगा, जिससे जाम में तो निजात मिलेगी ही, साथ ही साथ पर्यटकों को भी सुविधा होगी और लोकल लोगों को भी बहुत सुविधा होगी।”
10 एकड़ में फैला मेट्रोपोल होटल 1880 में बना था। किसी जमाने में यहां रुकना रुतबे की बात समझी जाती थी। धीरे-धीरे इसका रुतबा कम होता गया। 1965 के बाद से इसका इस्तेमाल पूरी तरह बंद हो गया, जब इसे दुश्मन की संपत्ति घोषित कर दिया गया।