ऋषिकेश के एक घर में ऊर्जा निगम विजिलेंस टीम की छापे की कार्रवाई के दौरान मकान मालिक बेहोश हो गया। आननफानन परिजन उसे सरकारी अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने विजिलेंस की टीम पर मकान मालिक के साथ धक्कामुक्की करने और धमकाने का आरोप लगाया है। साथ ही कोतवाली जाकर कार्रवाई की मांग की।
बुधवार को दोपहर में कोतवाली क्षेत्र की जाटव बस्ती में ऊर्जा निगम की विजिलेंस टीम ने बिजली चोरी पकड़ने के लिए कई घरों में छापे मारे। टीम गली नंबर 10 में सोनू जाटव (40) पुत्र श्यामसुंदर के घर में घुसी तो परिवार में खलबली मच गई। इसी बीच अचानक सोनू जाटव बेहोश होकर नीचे गिर पड़ा। परिजनों की चीखपुकार सुन विजिलेंस की टीम मौके से निकल गई। परिजनों और स्थानीय लोग सोनू को एसपीएस राजकीय अस्पताल ले गए। यहां चिकित्सकों ने बताया कि उसकी मौत हो चुकी है।
इसके बाद परिजन सोनू को लेकर देहरादून रोड स्थित एक निजी अस्पताल भी आए। लेकिन, यहां भी चिकित्सक ने जवाब दे दिया। आखिर में परिजन शव को घर ले आए। मृतक के भाई की सूचना पर पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। परिजनों ने आरोप लगाया कि विजिलेंस टीम के अधिकारियों ने सोनू के साथ धक्कामुक्की कर धमकाया। इससे हार्टअटैक के कारण उसकी मौत हो गई। पुलिस ने परिजनों को समझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया।
इसके बाद स्थानीय नेता रविंद्र बिरला की अगुवाई में जाटव बस्ती से परिजनों सहित दर्जनों लोग कोतवाली पहुंचे। उन्होंने विजिलेंस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कहा कि मृतक के परिवार को मुआवजा भी मिलना चाहिए। वरिष्ठ उपनिरीक्षक दर्शन प्रसाद काला ने आश्वासन दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद तहरीर पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।