पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ की आगामी यात्रा का आगाज 1 मई को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में केदार पुरी के क्षेत्र रक्षक भैरव पूजन के साथ होगा। भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने व पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर से कैलाश रवाना होने से पूर्व केदार पुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा की परम्परा प्राचीन है। भैरवनाथ को केदार पुरी का क्षेत्र रक्षक माना जाता है।
लोक मान्यताओं के अनुसार 1 मई को भैरव पूजन के बाद भैरवनाथ ऊखीमठ से केदार पुरी के लिए रवाना होंगे तथा आगामी यात्रा में छह माह के लिए केदार पुरी में तपस्यारत रहेगें। 2 मई को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ऊखीमठ से धाम के लिए रवाना होगी और प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए 5 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी तथा 6 मई को प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर भगवान केदारनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जायेगें।