अन्नकूट और रक्षाबंधन के लिए केदारनाथ मंदिर को 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया। आज रात को धाम में भतूज मेला मनाया जाएगा। अन्नकूट मेले को भव्य रूप से मनाने के लिए मन्दिर समिति द्वारा भगवान केदारनाथ के मन्दिर को 11 कुन्तल फूलों से सजाया गया है. अन्नकूट मेला केदारघाटी की प्राचीन परंपराओं में से एक है। आज शाम को केदारनाथ में भगवान केदारनाथ की आरती के बाद स्वयंभू लिंग को पके चावलों से ढककर उनका श्रृंगार किया जाएगा। इस दौरान रात भर मंदिर के कपाट खुले रहेंगे और श्रद्धालु आराध्य के दर्शन कर सकेंगे।
इसके बाद बृहस्पतिवार को रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सुबह स्वयंभू लिंग पर लगे पके चावलों को उतारकर मंदाकिनी नदी में प्रवाहित किया जाएगा। इधर, विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में भी भतूज मेला को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव नए अनाजों से जहर को जनकल्याण के लिए खुद में समाहित कर लेते हैं। इसी के तहत स्वयंभू लिंग पर नए धान से तैयार चावलों को पकाकर लगाया जाता है। साथ ही अन्य अनाजों से सजाया जाता है।