Joshimath Sinking: आज ढहाए जाएंगे होटल,खराब मौसम से कहीं और बिगड़ न जाए हालात!

बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब का गेटवे कही जाने वाली आदि शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ की भूमि लगातार धंस रही है। जोशीमठ में हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। अब तक दरार वाले भवनों की संख्या 723 पहुंच गई है। इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल निशान लगा दिए गए हैं। लेकिन शासन के आदेश के बावजूद मंगलवार को भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। जिला प्रशासन की टीम लाव-लश्कर के साथ भवन तोड़ने पहुंची तो प्रभावित लोग विरोध में उतर आए। ऐसे में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बुधवार तक के लिए टाल दी गई थी। दिनभर अफरातफरी का माहौल रहा।

 

 

आज ढहाए जाएंगे होटल

इसी कड़ी में आज इन भवनों को ढहाने की कार्रवाई शुरू होगी। आज होटल मलारी इन और माउंट व्यू को ढहाया जाना है। इधर, होटल मालिक और स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। खतरे की जद में आए होटल मलारी को गिराने की प्रक्रिया शुरू होते ही होटल मालिक और उनका परिवार होटल के सामने धरने पर बैठ गया, उनकी मांग है उन्हें मुआवजा दिया जाए।

 

 

मौसम से बढ़ी चुनौती

वहीं जोशीमठ में बुडोजर एक्शन से पहले मौसम ने करवट ली है, पहाड़ियों पर जहां बर्फबारी हो रही है। इसके साथ ही 14 जनवरी तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। भू-धंसाव के बाद बनी दरारें और गहरा सकती हैं और पानी के नए स्रोत भी फूट सकते हैं। इससे भू-कटाव बढ़ेगा। जोशीमठ के ज्यादातर ढलान अस्थिर हैं। भू-धंसाव के कारण तमाम सेफ्टी टैंक भी लिकेज हुए होंगे, जिनका पानी भी रास्ता तलाशेगा। जिससे स्थिति भयावह हो सकती है। शासन-प्रशासन भी इस स्थिति को लेकर चिंतित है।

 

 

मुआवजे को लेकर बैठक में तकरार

वहीं आज बुधवार को मुआवजे को लेकर दोनों होटलों के मालिकों को प्रशासन ने तहसील में बैठक के बुलाया। स्थानीय लोगों का कहना है कि मुआवजे को लेकर जो भी तय होता है उसे सार्वजनिक किया जाए और इसी मुआवजे को अन्य लोगों पर भी लागू किया जाए। इधर, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने कहा कि ऊंचे भवनों को तोड़ने के लिए क्रेन की आवश्यकता है, जो वहां नहीं मिल पाई। इसलिए देहरादून से क्रेन भेजी गई है, जो आज बुधवार को पहुंच जाएगी। वहीं, सचिव मुख्यमंत्री मिनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सीबीआरआई की टीम देरी से मौके पर पहुंची, इसलिए पहले दिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई।

 

 

CM धामी ने राहत कोष में दिया एक माह का वेतन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में आई आपदा को देखते हुए अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने को निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ को बचाने और आपदा प्रभावितों के समुचित पुनर्वास के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा भी इस आपदा से निपटने के लिए पूरा सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह हम सबका दायित्व है कि आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों के दुख दर्द को बांटने के लिए पूरी शिद्दत के साथ आगे आएं। दूसरी ओर सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि सचिवालय के सभी संवर्ग के अिधकारियों व कर्मचारियों का एक दिन का वेतन आपदा राहत कोष में दिया जाएगा।

 

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