Joshimath Landslide: सरकार ने जोशीमठ भू-धंसाव पर वैज्ञानिकों की रिपोर्ट की सार्वजनिक

Joshimath Landslide:  नैनीताल हाईकोर्ट की सख्ती के बाद आखिरकार राज्य सरकार को जोशीमठ भू-धंसाव पर आठ वैज्ञानिक संस्थाओं की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना पड़ा। 718 पन्नों की रिपोर्ट में मोरेन क्षेत्र में बसे जोशीमठ की जमीन के भीतर पानी के रिसाव के कारण चट्टानों के खिसकने की बात सामने आई है, जिसके कारण वहां भू-धंसाव हो रहा है।

जोशीमठ हिमालयी इलाके में जिस ऊंचाई पर बसा है, उसे पैरा ग्लेशियल जोन कहा जाता है। इसका मतलब है कि इन जगहों पर कभी ग्लेशियर थे, लेकिन बाद में ग्लेशियर पिघल गए और उनका मलबा बाकी रह गया। इससे बना पहाड़ मोरेन कहलाता है, इसी मोरेन के ऊपर जोशीमठ बसा है।

Joshimath Landslide:    Joshimath Landslide:

चमोली जिले के जोशीमठ में इस साल की शुरुआत में ही भू-धंसाव शुरू हो गया था। बता दें कि आठ वैज्ञानिक संस्थानों की यह रिपोर्ट सैकड़ों वैज्ञानिकों ने कई महीनों की मेहनत के बाद करीब 718 पन्नों में तैयार की है।

वहीं इस मामले पर भाजपा प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा की धामी सरकार की तरफ से जोशीमठ में पुनर्वास का कार्य तेजी से शुरू किया गया था और राज्य सरकार जनता को विश्वास दिलाती है की इस तरह की दिक्कतें जब भी आएंगी सरकार सदेव उत्तराखंड वासियों के साथ खड़ी रहेगी।

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