Joshimath Crisis: क्षतिग्रस्त भवनों के लिए मुआवजा नीति जारी, अगली कैबिनेट में होगा भूमि मुआवजे पर निर्णय

जोशीमठ के क्षतिग्रस्त भवनों के लिए सरकार ने मुआवजा नीति जारी कर दी है। आवासीय भवनों के लिए 31 हजार 201 रुपये प्रति वर्ग मीटर से लेकर 36 हजार 527 रुपये प्रति वर्ग मीटर मुआवजा तय किया गया है। व्यावसायिक भवनों के लिए 39 हजार 182 रुपये प्रति वर्ग मीटर से लेकर 46 हजार 99 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दरें तय की गई हैं।

अगली कैबिनेट में होगा भूमि मुआवजे पर निर्णय

इस संबंध में राज्यपाल की मंजूरी के बाद सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने शासनादेश जारी कर दिया है। बुधवार को जारी किए गए शासनादेश के अुनसार, मुआवजे की दरें केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की दरों की प्लिंथ एरिया दरों के आधार पर निकाली जाएंगी। इसमें जोशीमठ का लागत सूचकांक (कोस्ट इंडेक्स) भी जोड़ा जाएगा। व्यावसायिक भवनों का मुआवजा स्लैब बनाकर दिया जाएगा। स्थायी पुनर्वास के लिए तीन विकल्प दिए गए हैं। वहीं भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट आने के बाद तय किया जाएगा। इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट की अगली बैठक में रखा जाएगा।

व्यावसायिक भवनों का मुआवजा पांच स्लैब मेंतय दरों के आधार पर आने वाली प्रभावित भवन की लागत में से प्रभावित भवन के मूल्यह्रास की धनराशि को घटाने के बाद शेष धनराशि का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा दुकान और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों (होटल, ढाबे आदि) के मुआवजे के लिए पांच स्लैब तय किए गए हैं।

पुनर्वास के लिए तीन विकल्प

जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए आवासीय और व्यावसायिक श्रेणी में तीन विकल्प सुझाए गए हैं। आपदा प्रभावित इनमें से किसी एक विकल्प का चयन कर सकते हैं

  • ऐसे आपदा प्रभावित भू-भवन स्वामी, जिनके आवासीय भवन तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट के आधार पर रहने योग्य नहीं है, उनको आवासीय भवन के लिए निर्धारित दर से मुआवजा दिया जाएगा। यदि भूमि को भी असुरक्षित घोषित किया जाता है तो भविष्य में तय होनी वाली दरों के अनुसार उसका भी मुआवजा दिया जाएगा।

 

  • जिन आपदा प्रभावितों के भवन और भूमि दोनों ही असुरक्षित घोषित किए जाएंगे, यदि उनकी ओर से भवन का मुआवजा प्राप्त करते हुए आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग की जाती है तो ऐसी स्थिति में घर बनाने के लिए प्रभावित को अधिकतम क्षेत्रफल 75 वर्ग मीटर (50 मीटर भवन निर्माण और 25 मीटर गौशाला, अन्य कार्यों के लिए) भूमि दी जाएगी। यदि प्रभावित परिवार की असुरक्षित जमीन की लागत आवंटित भूमि से अधिक होती है तो ऐसी दशा में समायोजन के बाद सरकार की ओर से अलग से मुआवजा दिया जाएगा।
  • आपदा प्रभावित की ओर से अपनी भूमि एवं भवन के सापेक्ष निर्मित आवासीय भवन की मांग की जा सकती है। अधिकतम 50 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर राज्य सरकार की ओर से घर बनाकर दिया जाएगा। इसके अलावा 25 वर्गमीटर भूमि पर गोशाला व अन्य कार्यों के लिए दी जाएगी। इसके अतिरिक्त भूमि होने पर उसका अलग से मुआवजा दिया जाएगा।

इन शर्तों को भी करना होगा पूरा

  • यदि किसी प्रभावित परिवार के पास भूमि, भवन स्वामित्व के वैध अभिलेख नहीं हैं तो ऐसे परिवारों को विद्युत बिल, पानी के बिल, सीवर कर, भवन कर आदि के साथ ही शपथपत्र के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। बिल दो जनवरी 2023 से पूर्व के होने चाहिए।
  • भूमि की राहत राशि के भुगतान से पूर्व यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रभावित की ओर से भूमि से संबंधित सभी देयक पूर्ण कर दिए गए हों। इसके लिए संबंधित विभागों की ओर से जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

 

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