इन्फैंट्री डे: देश के पहले मिलिट्री ऑपरेशन में किया था कमाल, क्यों इतनी खास है हमारी पैदल सेना?

नमिता बिष्ट

भारतीय सेना आज अपना 75वां ‘इन्फैंट्री डे’ यानी पैदल सेना दिवस मना रही है। इसी दिन 1947 में सेना की सिख रेजीमेंट ने जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तानी सेना और कबायलियों के चंगुल से मुक्त कराया था। इस पूरे सैन्य अभियान में सिर्फ पैदल सेना का ही बड़़ा योगदान था। इसलिए इस दिन को इन सैनिकों की बहादुरी और साहस के यादगार दिन के तौर पर मनाया जाता है।

CDS जनरल अनिल चौहान, रक्षा मंत्री ने दी श्रद्धांजलि
इस मौके पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान सहित इन्फैंट्री रेजीमेंट के सभी वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने नेशनल वॉर मेमोरियल पर श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भारतीय सेना को इन्फैंट्री दिवस की बधाई देते हुए कहा कि “साहसी पैदल सेना कर्मियों और उनके परिवारों को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं। भारतीय पैदल सेना को अत्यधिक साहस और व्यावसायिकता से जोड़ा गया है। राष्ट्र उनकी बहादुरी, बलिदान और सेवा को सलाम करता है।”

भारतीय पैदल सेना दिवस का इतिहास
दरअसल आजादी के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर को हड़पने की योजना बनाई थी। 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान ने 5 हजार कबायलियों को कश्मीर में घुसपैठ करके कब्जा करने के लिए भेजा था, तब कश्मीर के तत्कालीन शासक महाराजा हरि सिंह ने भारत सरकार से मदद मांगी।

इसलिए मनाया जाता है यह दिवस
आनन-फानन में 26 अक्टूबर की रात को एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई है, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने सिख रेजीमेंट को वायु मार्ग से भेजने का फैसला लिया। फिर सेना की सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन से एक पैदल सेना का दस्ता विमान से दिल्ली से श्रीनगर भेजा गया। 27 अक्टूबर 1947 को भारतीय पैदल सैनिकों ने कश्मीर को कबायलियों के चंगुल से छु़ड़ा दिया। यही कारण है कि इसी दिन को इतिहास में याद रखने के लिए पैदल सैनिक दिवस मनाया जाता है।

आजाद भारत का पहला ‘मिलिट्री ऑपरेशन’
आजाद भारत के इतिहास में विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ भारतीय सेना का यह पहला सैन्य अभियान था, जिसे पैदल सेना ने अंजाम दिया। ये सभी सैनिक आजाद भारत के पहले ‘मिलिट्री ऑपरेशन’ के हीरो माने जाते हैं। बता दें कि भारतीय सशस्त्र बल में पैदल सेना यानी इन्फैंट्री एक खास हिस्सा है जो जमीनी जंग में सबसे आगे रहती है। इसलिए पैदल सेना दिवस आजाद भारत के पहले सैन्य संघर्ष का भी स्मरण दिवस है।

भारत के पास है सबसे बड़ी इन्फेंट्री डिविजन
माना जाता है कि दुनिया में सबसे बड़ी पैदल सेना डिविजन भारत के ही पास है। भारतीय सेना में 27 पैदल सेना रेजिमेंट हैं। सेना में कुल 14 लाख 55 हजार 550 सक्रिय जवान हैं, जबकि करीब 11 लाख 55 हजार रिजर्व जवान हैं।

कुमाऊं रेजिमेंट की चौथी बटालियन भी शामिल
बता दें कि भारतीय पैदल सेना को ही सबसे पहले सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र हासिल करने का गौरव प्राप्त हुआ। कश्मीर में 1947 में चले अभियान में कुमाऊं रेजिमेंट की चौथी बटालियन भी शामिल थी। इसकी डी कंपनी की अगुवाई करने वाले मेजर सोमनाथ शर्मा को श्रीनगर एयरपोर्ट को बचाने के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। तब से अब तक लगातार भारतीय पैदल सेना देश की रक्षा में अपनी वीरता का प्रदर्शन करती आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *