Indian Air Force Day 2022: भारतीय वायुसेना 90वां स्थापना आज, जानें इस दिन का क्या है महत्व और इतिहास

नमिता बिष्ट

भारतीय वायु सेना का आज 90वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। भारत को सुरक्षित और शक्तिशाली बनाने में भारतीय वायु सेना की बहुत बड़ी भूमिका है। वहीं समय समय पर युद्धों और लड़ाइयों में अपना योगदान देने के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप और लैंडस्लाइड के दौरान भी जनता को हर मुमकिन सेवा पहुंचाने का काम करती है। इसी को सम्मान देने हर साल 8 अक्टूबर को ‘भारतीय वायु सेना दिवस’ मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास और महत्व के बारे में……

पहली बार चंडीगढ़ में परेड का आयोजन
भारतीय वायु सेना के इतिहास में पहली बार भारतीय वायु सेना दिवस की परेड का आयोजन चंडीगढ़ में हुआ। इससे पहले वायु सेना की परेड का आयोजन गाजियाबाद के हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर ही होता रहा है।

1932 में हुई थी वायु सेना की स्थापना
8 अक्टूबर 1932 वो ऐतिहासिक दिन है जब भारतीय वायु सेना की स्थापना की गई थी। उस वक्त देश में अंग्रेजों की हुकूमत थी। उस दौरान भारतीय वायु सेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स के नाम से जाना जाता था। हालांकि जब देश आजाद हुआ तो रॉयल शब्द हटा दिया गया। जिसके बाद इसे भारतीय वायु सेना के नाम से जाना गया। इसलिए 8 अक्टूबर के दिन वायु सेना दिवस मनाया जाता है।

कई युद्ध में दमखम दिखा चुकी है वायु सेना
आज भारतीय वायु सेना दुनिया की सबसे ताकतवर वायु सेनाओं में से एक है। वायु सेना अपनी स्थापना के बाद से अब तक कई युद्धों में शामिल हो चुकी है। भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ चार बार युद्ध में हिस्सा लिया है। पहली बार वायु सेना ने 1948, उसके बाद 1965 और 1971 और 1999 में युद्ध में हिस्सा लिया। इसके अलावा वायु सेना 1962 में चीन के सामने अपना दम दिखा चुकी है।

आसमान को अपनी चमक के साथ गर्व से छूना
भारतीय वायु सेना का मोटो है “नभः स्पृशं दीप्तम्” मतलब आसमान को अपनी चमक के साथ गर्व से छूना जिसे आज तक ये सच में सार्थक करता नज़र भी आता है। बता दें कि इस आदर्श वाक्य को श्रीमद्भगवद्गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। कहते हैं कि युद्ध से पहले जिस वक्त भगवान श्री कृष्णो ने अर्जुन को अपना विराट रूप दिखाया था, उस समय अर्जुन परेशान हो जाते हैं। विराट स्वरूप एक पल के लिए अर्जुन के मन में भय पैदा कर देता है।

चीफ ऑफ एयर स्टाफ के पास होती है अहम जिम्मेदारी
भारतीय वायुसेना का प्रमुख अधिकारी चीफ ऑफ एयर स्टाफ कहलाता है और इसका पद चीफ एयर मार्शल का होता है। वायुसेना का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। चीफ ऑफ एयर स्टाफ की सहायता के लिए एयर मार्शल और वाइस एयर मार्शल, या एयर कमोडोर पद के मुख्य चार स्टाफ अफसर होते हैं। ये वायुसेना की प्रमुख शाखाओं पर नियंत्रण रखते हैं।

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना
भारतीय वायुसेना आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना बन चुकी है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित हिंडन वायु सेना स्टेशन एशिया में सबसे बड़ा है। बता दें कि ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन मेघदूत जैसे बड़े ऑपरेशंस की सक्सेस भी भारतीय वायु सेना के सहयोग के बिना अधूरी है। इसी के साथ आईएएफ यूनाइटेड नेशंस के साथ पीसकीपिंग मिशंस में बढ़ चढ़ भागीदारी निभाता है।

दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में सक्षम
भारतीय वायुसेना आज चीन जैसे दुश्मन देशों के भी छक्के छुड़ाने में सक्षम है। कभी सिर्फ पांच लोगों के साथ शुरू हुआ वायुसेना का सफर आज लाखों ऑफिसर और जवानों तक जा पहुंचा है। भारतीय वायु सेना के पास लगभग 1400 एयरक्राफ्ट और 1.7 लाख कर्मचारी-विभाग हैं। वायु सेना में महिला फाइटर पायलट्स की संख्या भी कुछ कम नहीं है। यहां तक की राफेल फ्लीट में भी एक महिला फाइटर पायलट है।

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