उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में सेल्फ फाइनेंस-आल इंडिया कोटा के बीएएमएस छात्रों का विरोध प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहा। छात्रों का विरोध प्रदर्शन फीस बढ़ोतरी को लेकर है। छात्रों ने विवि पर आरोप लगाया है कि राज्य कोटा व सेल्फ फाइनेंस-आल इंडिया कोटा के समान शुल्क के आदेश के बावजूद भी उन पर पुरानी दर से शुल्क जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। जिसे लेकर छात्र अनिश्चितकालीन आंदोलन को बाध्य हो गए हैं।
छात्रों का कहना है कि राज्य कोटा के तहत प्रवेश लेने वाले छात्र को 48 हजार रुपये सालाना शुल्क देना होता है। जबकि सेल्फ फाइनेंस-आल इंडिया कोटा के तहत यह शुल्क एक लाख 20 हजार रुपये सालाना था। जिसे आयुष मंत्रालय के एक आदेश के तहत राज्य कोटा के समान कर दिया गया। इसी क्रम में विवि प्रशासन ने भी एक आदेश जारी कर दिया। उनसे 48 हजार रुपये शुल्क जमा कराया गया। पर अब कहा जा रहा है कि आदेश उन पर लागू नहीं होगा। परीक्षा नजदीक है और छात्रों ने परीक्षा फार्म भरना शुरू कर दिया है। इस बीच उन पर वही पुराना शुल्क जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में सिवाय आंदोलन के अब कोई विकल्प नहीं है।
वहीं विश्वविद्यालय ने छात्रों की फीस संबंधी आपत्ति के निपटारे को चार सदस्यीय कमेटी बनाई है। जिसमें तीनों परिसर निदेशक डॉ अनूप गक्खड़, डॉ राधाबल्लभ सती और डॉ पंकज शर्मा समेत वित्त अधिकारी अमित जैन को नामित किया है। जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। उसके आधार पर फैसला लिया जाएगा।