Haridwar: सावन का पवित्र महीना करीब आ रहा है, उत्तराखंड के हरिद्वार में सालाना कांवड़ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं, यहां बड़ी संख्या में शिव भक्तों के स्वागत की तैयारी चल रही है।
कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िये महादेव पर चढ़ाने के लिए गंगाजल लेने हरिद्वार आते हैं, सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए, अधिकारी कड़े सुरक्षा उपाय लागू कर रहे हैं। कांवड़ यात्रा के रास्ते पर जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है।
हरिद्वार में लाखों कांवड़िये पहुंचते हैं। लिहाजा प्रशासन उनकी सुरक्षा के लिए हाई अलर्ट पर है, यात्रियों की आमद पर नजर रखने और आपात स्थितियों से फौरन निपटने के लिए प्रमुख घाटों पर एसडीआरएफ टीमें तैनात की गई हैं, एसडीआरएफ ने कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी आापात स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों का डेमो पेश किया।
आधिकारिक तौर पर कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू हो रही है, हिंदू कैलेंडर के पांचवा महीना सावन भोलेनाथ को प्रिय माना जाता है। इस महीने में शिव भक्त अपने अपने इलाके के शिव मंदिरों पर जल चढ़ाने के लिए गंगाजल लेने आते हैं।
एसएसपी परमेंद्र सिंह डोभाल ने कहा कि “इस संबंध में हमारी सारी तैयारियां हो चुकी हैं और इसमें हमारे जहां पर भी जो शिविर हैं वो चिन्हित किए जा चुके हैं। उन शिविरों में जो आवश्यक सुविधाएं हैं खासकर बिजली की, पानी की, सेनिटेशन की वो ऑलरेडी की जा रही हैं। साथ में नहर पटरी को भी प्रकाशित करने का भी अभी कार्य चल रहा है और जो भी मेक्सिमम सुविधाएं हम नहर पटरी में दे सकते हैं, वो दी जा रही हैं। इस बार भी जो पैदल कांवड़ यात्रीगण हैं वो इसी रूट को फोलो करेंगे।”
एसडीआरएफ कमांडेंट अर्पण यदुवंशी ने कहा कि “कांवड़ यात्रा को लेकर हमारी जो एसडीआरएफ की जो टीम है, वह पूरे तरीके से तैयार है और जितने भी हमने लड़के तैनात किए हैं, वो बेहद अच्छी तरीके से प्रशिक्षित हैं कि एडवांस डीप डाइविंग कोर्स होता है वो सभी उन्होंने कर रखा है और इस बार कांवड़ यात्रा को दृष्टिगत रखते हुए हमारी छह स्थानों पर हमारी सात सब-टीम तैनात रहेंगी। तो यह हमारी टीम ऐसी जगह तैनात रहेंगी जहां पर ओवरक्राउडिंग रहती है और जहां पर डूबने की घटनाएं ज्यादा रहती हैं।”