Haldwani: उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरूवार को गैरकानूनी रूप से बने मदरसे को तोडने के दौरान भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। नैनीताल की जिलाधिकारी (डीएम) वंदना सिंह और एसएसपी प्रह्लाद मीणा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो लोगों की मौत की पुष्टि की।
प्रह्लाद मीणा ने बताया कि ये लोग पुलिस के आत्मरक्षा के लिए किए गए बल प्रयोग के दौरान घायल हुए थे । पुलिस अधिकारी ने बताया कि शहर में हालात काबू में हैं। शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है और संवेदनशील इलाकों में करीब 1100 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
डीएम ने कहा कि गैरकानूनी कब्जा सरकारी जमीन पर था। कोर्ट के पहले आदेश के बाद उसे गिरा गया था, दो गैरकानूनी कब्जे गिराने के 30 मिनट बाद इलाके के लोगों ने दंगा शुरू कर दिया। दंगाइयों ने पुलिस कर्मियों पर पथराव किया तो उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। उन्होंने बनभूलपुरा थाने पर पेट्रोल बम भी फेंके।
बता दे कि हिंसा बढ़ने पर हल्द्वानी की सभी दुकानें बंद हो गईं, कर्फ्यू लगने के बाद शहर और आस-पास के स्कूल बंद कर दिए गए। जिलाधिकारी ने बताया कि इस दौरान बड़ी संख्या में वाहनों में आग लगा दी गई और पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई। पुलिसकर्मियों को जाने बचाने के लिए थाने में घुसना पड़ा।
एसएसपी प्रह्लाद मीणा ने कहा कि “अब तक दो लोगों की मौत हो गई है और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। दो जो हैं डेथ हैं वो घनसोर से हैं। 400 चेकपोस्ट लगाए गए हैं और 1100 पुलिस बल तैनात किए गए हैं
देखिए अभी तक हमने जो चिन्हित किए हैं, उसमें से 15 से 20 लोग ऐसे है जिन्होंने इस सारे माहौल को भड़काने का काम किया है। बनभूलपुरा और हल्द्वानी में भीड़ को उकसाने की कोशिश की है और भीड़ ने राज्य प्रशासन और पुलिस को चुनौती देने की कोशिश की, हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नैनिताल डीएम वंदना सिंह ने बताया कि “कोई आइसोलेटेड एक्टिविटी नहीं थी ये कोई एक ही परिसंपत्ति को टारगेट करके की गई एक्टिविटी नहीं थी पूरे काफी लंबे समय से हल्द्वानी के अंतर्गत सरकारी परिसंपत्तियों को अलग-अलग क्षेत्रों में बचाने का सुरक्षित करने का अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान चल रहा है।”