Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी ज्ञानवापी मामले पर बड़ा बयान दिया है, योगी आदित्यनाथ ने कहा है की ज्ञानवापी को अगर मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा, भगवान ने जिसको दृष्टि दी है वह देखे की त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है हमने तो वहां नहीं रखे है, ज्ञानवापी ज्योतिर्लिंग हैं। मुस्लिम पक्ष की तरफ से प्रस्ताव आना चाहिए कि ज्ञानवापी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाना ऐतिहासिक गलती हुई है, उस गलती के लिए हम चाहते हैं समाधान हो।
योगी आदित्यनाथ के इस बयान का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्रपुरी महाराज ने समर्थन किया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्रपुरी महाराज का कहना है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए इस बयान का संत समाज स्वागत करता है, योगी आदित्यनाथ ने कहा है ज्ञानवापी मस्जिद कब बनी क्योंकि काशी विश्वनाथ मंदिर हमारा ज्योतिर्लिंग है, वहां पर मुगलों द्वारा मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई।
Gyanvapi Case:
इनका कहना है कि कोर्ट ने ज्ञानवापी में वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था, मगर मुस्लिम पक्ष इसका विरोध कर रहे हैं कि ज्ञानवापी की सच्चाई सामने ना आ सके। ऐसे में संत समाज उम्मीद कर रहा है की योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में ही ज्ञानवापी का मुद्दा हल हो सके। इनका कहना है कि ज्ञानवापी में मिला शिवलिंग और कई ऐसी चीजें मिली है, उससे प्रमाणित होता है कि वहां पर मस्जिद से पहले मंदिर बना था।
Gyanvapi Case: संतों का कहना है कि मुस्लिम पक्ष कभी भी आगे आकर नहीं कहेगा कि यह मंदिर है, क्योंकि राम मंदिर के मामले में भी ऐसा देखने को मिला था अब जो भी फैसला होगा कोर्ट के माध्यम से ही होगा।