Dehradun News: दिवंगत अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले को 18 सितंबर यानी आज एक साल पूरा हो गया है, जिसपर सियासत लगातार जारी है। सरकार ने पौड़ी जनपद के डोभ श्रीकोट राजकीय नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता भंडारी के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। वहीं विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। उधर विपक्ष पर भाजपा ने पलटवार किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि राज्य सरकार ने राजकीय नर्सिंग कॉलेज का नाम दिवंगत अंकिता भंडारी के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि हम बेटी अंकिता के परिजनों के साथ खड़े हैं और प्रदेश की हर बेटी का सम्मान और उसकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध है। वही अंकित भंडारी के पिता ने कहा कि इसके लिए सरकार से मांग की थी की डोभ श्रीकोर्ट में स्थित राजकीय नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकित के नाम पर रखा जाए।
इस पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं, कांग्रेस ने कहा है कि सरकार वीआईपी के नाम का अभी तक खुलासा नहीं कर पाई है, ना ही दिवंगत अंकित भंडारी के हथियारों को फांसी की सजा दी गई है। उधर भाजपा ने पलटवार किया है, बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस को इस मामले में राजनीति बंद कर देनी चाहिए नहीं तो अंकिता भंडारी की आत्मा उन्हें कभी माफ नहीं कर पाएगी, इसके साथ ही कहा की कांग्रेस इस मामले में केवल सियासी रोटियां सेकना चाहती है।
Dehradun News: 
कुल मिलाकर अंकिता हत्याकांड मामले में पिछले एक साल से सियासत जारी है, लेकिन सवाल वही है कि आखिर वह वीआईपी कौन था जिसके चलते अंकिता भंडारी की मौत हुई। जबकि इस मामले को लेकर सरकार ने कहा था की मामले को फास्ट्रेक कोर्ट में चलाया जाएगा ताकि जल्द न्याय मिल सके।