Dehradun: देहरादून विधानसभा में आज धामी सरकार के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है, राज्यपाल के अभिभाषण के साथ सत्र की शुरुआत हुई, दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून के गांधी पार्क में ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बजट सत्र न होने को लेकर 1 घंटे का मोन उपवास किया और सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा की सरकार को गैरसैंण में ठंड लग रही है और उसका बहाना बना रही है, सरकार मैं सिर्फ ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित तो कर दी, लेकिन वहां पर कोई विकास कार्य नहीं किया। उसके साथ ही अब वह बजट सत्र भी वहां पर नहीं कर रही है, जिसको लेकर गांधीवादी विचारधारा के साथ सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए मौन व्रत किया गया।
हरीश रावत ने कहा कि गैरसैण हिमालयी राज्य का प्रतीक है और हिमालय का स्वभाव है शीतलता ठंडक हिमालय राज्य में बर्फ भी पड़ती है, यदि सरकार को गैरसैण जाने में ठंड लगती है तो यह हिमालय राज्य की अवधारणा का अपमान करना है और विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया कि विधानसभा का बजट सत्र गैरसैण में आयोजित किया जाएगा। तो सरकार क्यों पीछे हट रही है, बता दें की महज कुछ दिनों पूर्व उत्तराखंड विधानसभा के अधिकांश विधायक ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण स्थित भराड़ीसैंण विधानमंडल भवन में बजट सत्र आहूत करने के पक्ष में नहीं थे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि करीब 7841 फीट की ऊंचाई पर स्थित भराड़ीसैंण की कंपकंपा देने वाली ठंड ने अधिकांश विधायकों के वहां जाने के इरादों को ठंडा कर दिया, 40 से अधिक विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि इस बार का बजट सत्र देहरादून में कराया जाए।