टिहरी झील के किनारे बसे गांवों के मकानों में दरारें, हालातों का जायजा लेने पहुंची समिति

नई टिहरी। टिहरी झील के आसपास के गांवों में भी दरारें पड़ने से लोगों में भय का माहौल है। लगातार लोगों के घरों में पड़ी दरारें बढ़ती जा रही हैं। घरों के साथ ही सड़कों और पैदल मार्गों पर भी बांध के कारण दरारें आ गई हैं। प्रभावित लोग पुनर्वास की मांग कर रहे हैं। वहीं अब बांध प्रभावित क्षेत्रों में हो रहे भू-धंसाव के आंकलन के लिए शासन की ओर से गठित संयुक्त विशेषज्ञ समिति प्रभावित इलाकों का जायजा ले रहे हैं। इस समिति ने सोमवार से क्षेत्र का तीन दिवसीय भ्रमण शुरू किया।

बांध प्रभावित गांवों में झील के कारण हो रहे नुकसान का जायजा लेनेके लिए संयुक्त विशेषज्ञ समिति (जेईसी) तीन दिन के भ्रमण पर सोमवार को टिहरी पहुंची। समिति के सदस्य दो दिन भागीरथी घाटी में और एक दिन भिलंगना घाटी के चिन्हित गांवों का भ्रमण कर आकलन करेंगे। इस दौरान प्रभावितों ने समिति के विशेषज्ञों को समस्याएं बताई। उन्होंने बताया कि लंबे समय से उनके घर, जमीन पर दरारें पड़ी हुई है, जिस कारण वह भय में जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में उनका जल्द पुनर्वास किया जाए।

बता दें कि समय-समय पर प्रभावित ग्रामीण पुनर्वास निदेशक सहित शासन-प्रशासन से गांवों का सर्वे कराने की मांग करते आ रहे हैं। अवस्थापना (पुनर्वास) खंड नई टिहरी के ईई धीरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि जनप्रतिनिधियों और पुनर्वास निदेशक के निर्देश पर सोमवार 30 जनवरी को समिति भागीरथी घाटी के ग्राम राम गांव, तिवाड़ गांव, भल्डि याणा, भल्ड गांव, हडियाडी जबकि 31 जनवरी को डोबन, सरोट, चिन्यालीसौड़ का स्थलीय निरीक्षण करेंगे. उन्होंने बताया कि 1 फरवरी को समिति के सदस्य भिलंगना घाटी के ग्राम उठड़, पिपोलाखास, नंदगांव, नारगढ़, पिपोला-ढुंग मंदार और पिलखी गांव का भ्रमण करेंगे।

बता दें कि टिहरी बांध की झील के कारण भागीरथी, भिलंगना और कोटेश्वर घाटी के आसपास बसे गांव में टिहरी झील के कारण लंबे समय से भू-धंसाव हो रहा है। प्रभावितों के आवासीय भवन, भूमि पर दरारें पड़ी हुई है। प्रभावित इसका आकलन कर पुनर्वास की मांग कर रहे थे, लेकिन शासन-प्रशासन समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा था। हाल ही में जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से सबक लेते हुए प्रशासन ने प्रभावित गांव के आंकलन को तत्काल विशेषज्ञ समिति बुलाई।

भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण विभाग के प्रो. नितीश विश्वकर्मा, आईआईटी रुड़की के प्रो. एनके समाधिया, सर्वे ऑफ इंडिया के हरीश हेमदन, खनन विभाग के ए. कुमार, डीएफओ टिहरी वन प्रभाग वीके सिंह, टीएचडीसी के महाप्रबंधक दिनेश शुक्ला, अवस्थापना खंड पुनर्वास के ईई धीरेंद्र नेगी की टीम ने भागीरथी घाटी के तिवाडगांव, रामगांव, भल्डियाना, भल्डगांव और हडियाडी गांव का भ्रमण किया। उन्होंने ग्रामीणों के आवासीय भवन, गोशाला, सिंचित, असिंचित भूमि आदि पर पड़ी दरारों का बारीकी से निरीक्षण किया।

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