उत्तरकाशी से किन्नौर के लिए ट्रैकिंग पर लगी रोक,  जानिए क्या है वजह ?

नमिता बिष्ट

उत्तरकाशी से हिमाचल प्रदेश के किन्नौर को जोड़ने वाले चार उच्च हिमालयी रूट ट्रैकिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किन्नौर के जिला उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक के पत्र के आधार पर उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रुहेला ने यह प्रतिबंध लगाया है। बता दें कि उत्तरकाशी से किन्नौर की ट्रैकिंग के दौरान बीते पांच सालों में नौ ट्रैकर और तीन पोर्टर की मौत हो चुकी है। हालांकि  इस प्रतिबंध से न केवल बड़ी ट्रैकिंग एजेंसियों को नुकसान झेलना पड़ेगा, बल्कि ट्रांस हिमालय ट्रैकिंग के अभियान भी प्रभावित होंगे।

बीते सप्ताह बिना अनुमति के गए ट्रैकिंग दल

उत्तरकाशी के लिवाडी गांव से खिमलोगा ग्लेशियर के लिए बीते सप्ताह बिना अनुमति के गए ट्रैकिंग दल में शामिल नादिया (बंगाल) के एक ट्रैकर की मौत हो गई थी, जबकि एक ट्रैकर घायल हुआ है। मृत ट्रैकर का शव मंगलवार को भी नहीं निकाला जा सका।

इन चार ट्रैकिंग रूट पर लगाया प्रतिबंध

उत्तरकाशी जिले की सीमा हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और शिमला जिले से लगी हुई हैं। किन्नौर वाला क्षेत्र उच्च हिमालयी क्षेत्र में शामिल है। उत्तरकाशी और किन्नौर के बीच चार उच्च हिमालयी ट्रैक भी हैं। इनमें हर्षिल-लम्खागा-छितकुल, नेलांग-किन्नौर, हरकीदून-भड़ासू-छितकुल, लिवाड़ी-खिमलोगा-छितकुल ट्रैकिंग रूट प्रमुख हैं। ये सभी ट्रैक भारी जोखिम वाले हैं और सभी ट्रैक पर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।

रेस्क्यू दल की जान का भी रहता है जोखिम

किन्नौर के जिला उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि स्पष्ट गाइड लाइन और एसओपी के बावजूद ट्रैकर इन ट्रैक पर जा रहे हैं। जबकि इन ट्रैक पर भटकने से कई ट्रैकर मौत के मुंह में चले गए। यहां खोज-बचाव अभियान के दौरान पुलिस, होमगार्ड व आइटीबीपी के जवानों की जान भी जोखिम में पड़ जाती है। इसलिए आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।

मई में मिली थी अनुमति

हर्षिल-लम्खागा-छितकुल ट्रैकिंग रूट पर अक्टूबर 2021 में सात ट्रैकर समेत नौ व्यक्तियों की मौत हो गई थी। इसके बाद उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने इस ट्रैकिंग रूट पर अनुमति देना बंद कर दिया था। गढ़वाल हिमालय ट्रैकिंग एवं माउंटेनियरिंग एसोसिएशन ने गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान के जरिये शासन से इस ट्रैकिंग रूट पर ट्रैकिंग की अनुमति देने का आग्रह किया।

शासन की स्वीकृति के बाद इसी वर्ष मई से कई दलों ने ट्रैकिंग की। इन दलों में फिट इंडिया के तहत 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं का दल ट्रांस हिमालय अभियान भी लम्खागा होते हुए हिमाचल प्रदेश पहुंचा। इनमें 75 वर्षीय एक महिला भी शामिल थी। इसके अलावा आइटीबीपी की अमृत रिले लांग रेंज पेट्रोलिंग (एलआरपी) भी किन्नौर से लम्खागा होते हुए हर्षिल पहुंची।

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