रुड़की। रुड़की के पिरान कलियर में हजरत मख्दूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर के सालाना उर्स में शामिल होने के लिए हमेशा की तरह इस साल भी सरहद पार से पाकिस्तानी अकीदतमंदों का 150 सदस्यीय जत्था आज पिरान कलियर पहुंचा है। जत्थे के सहयोग के लिए दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास का एक अधिकारी भी मौजूद है। पाकिस्तानी जत्था लाहौरी एक्सप्रेस से रूड़की पहुंचा है, जहां से प्रशासनिक अधिकारी बसों में जायरीनों को लेकर कलियर पहुंचे।
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के 150 जायरीनों का जत्था हजरत साबिर साहब के उर्स में शामिल होने के लिए प्रशासनिक और पुलिस के सरंक्षण में कलियर पहुंचा। गौर हो कि पाकिस्तान से हर साल हजरत मख्दूम अली अहमद साबरी से अकीदतमंद जायरीन कलियर आते हैं। यह सिलसिला आजादी के बाद से विधिवत चला आ रहा है। पाकिस्तानी यात्री पहले पाक पटटन स्थित दरगाह बाबा फरीद गंज शकर की दरगाह में हाजिरी लगाते हैं, उसके बाद कलियर के लिए रवाना होते हैं। पाकिस्तानी जायरीन सदा लाहौरी एक्सप्रेस से ही आते है जो देश के विभाजन से पूर्व चली आ रही है। पाकिस्तानी जायरीनों ने कलियर पहुंचने पर आस्ताना-ए- साबिर पर नजराना-ए-अकीदत पेश किया। यह जत्था तकरीबन एक सप्ताह कलियर में रहेगा। पाकिस्तानी जायरीनों के लिए सुरक्षा के कड़े इंतेज़ाम किए गए हैं। वहीं खुफिया विभाग से लेकर पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है।
इस मौके पर रूड़की सीओ विवेक कुमार ने बताया कि 150 पाकिस्तानी जायरीन रुड़की पहुंचे हैं जिनको चेकिंग के बाद बसों में बैठा कर पिरान कलियर के साबरी गेस्ट हाउस के लिए रवाना किया गया है। उन्होंने बताया कि ये लोग 4 दिनों तक यहां पर रुकेंगे जिसके लिए सुरक्षा के लिहाज से सभी तैयारियां की गई हैं।
वहीं उर्स कार्यक्रम आयोजन समिति के संयोजक व अंतरराष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने बताया कि हजरत मखदूम सैयद अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कलियरी के 754वें सालाना उर्स में शामिल होने के लिए पाकिस्तानी यात्रियों का जत्था पहुंचा है जिसमें 150 यात्री शामिल हैं। इसके अलावा दिल्ली से एक दूतावास भी उनके साथ पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों में आपसी सौहार्द, भाईचारा और दोनों देशों में शांति बनी रहे। उन्होंने बताया की पाकिस्तानी जायरीनों का पहुंचने का मकसद यह है कि भारत और पाकिस्तान में हमेशा अमन, शांति और आतंकवाद का खात्मा हो।