ऋषिकेश एम्स में 4.41 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश, पांच अधिकारियों समेत आठ पर मुकदमा दर्ज

ऋषिकेश एम्स में सीबीआई ने करोड़ों के घोटाले का खुलासा किया है। सीबीआई ने स्वीपिंग मशीन और फर्जी ढंग से मेडिकल स्टोर स्थापित करने के अलग-अलग मामलों में एम्स के पांच अधिकारियों समेत आठ लोगों पर दो मुकदमे दर्ज किए हैं।

बता दें कि ऋषिकेश एम्स मैं तैनात अधिकारियों और संबंधित कंपनी के द्वारा लगातार करोड़ों रुपए के घोटाले की शिकायत मिल रही थी। स्थानीय समाज सेवक द्वारा जब ऋषिकेश एम्स के बारे में सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी गई तो पता चला कि ऋषिकेश एम्स में दवाई के नाम पर काफी घपले किए गए हैं। दवाई मंगाने के लिए जो ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल का ब्यौरा दिया गया उसमें बात खुलकर आई कि एम्स में दवाइयों की डिलीवरी पानी के जहाज के द्वारा की गई। वही जो नंबर गाड़ियों के दिए गए वह स्कूटी के निकले।

इसके अलावा एम्स में अन्य घोटालों के बारे में भी पता चला, जिसके बाद ऋषिकेश एम्स के अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई। भारत सरकार द्वारा इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को दी गई। छापेमारी के दौरान पाया गया कि ऋषिकेश एम्स में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम ने आरोप लगाया गया है कि आरोपी लोक सेवकों ने निविदा प्रक्रिया से संबंधित भारत सरकार के दिशानिर्देशों का घोर उल्लंघन कर फर्जी आधार पर प्रतिष्ठित बोलीदाताओं की बेईमानी से जांच की और उन महत्वहीन फर्मों को अनुमति दी है, जिन्होंने अपने निविदा दस्तावेजों में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था। यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने इन निविदाओं में कार्टेल गठन के अस्तित्व को जानबूझकर नजरअंदाज किया। इसके बाद आरोपी ने कथित तौर पर अपराध के महत्वपूर्ण सबूतों को गायब कर दिया। रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद में 2.41 करोड़ रुपये (लगभग) और केमिस्ट शॉप की स्थापना के लिए टेंडर में 2 करोड़ रुपये (लगभग) का कथित नुकसान एम्स को हुआ। दोनों मामलों में  इसके साथ ही सीबीआइ ने उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 24 स्थानों पर आरोपितों के ठिकानों पर छापे डाले।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *