धामी सरकार 2.0 का 100 दिन का कार्यकाल पूरा, जानें सरकार के ये अहम फैसले…

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के आज 30 जून को 100 दिन पूरे हो गए हैं। इस 100 दिन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कामकाज का छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं।

23 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शपथ लिया था जिसके बाद 30 जून को धामी 2.0 के इस कार्यकाल को 100 दिन पूरे हो गए हैं। हालांकि, सरकार के गठन के बाद से ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि 100 दिन के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड सरकार जनता के बीच रखेगी। इसके साथ ही सभी कैबिनेट मंत्रियों से उनके विभागों में इस 100 दिन के भीतर किए गए कामों का रिपोर्ट कार्ड भी जांचेगी। मुख्य रूप से 100 दिन के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ कई बड़ी योजनाएं शुरू की है बल्कि तमाम ऐसे बड़े फैसले भी लिए हैं जिसका जनता को सीधे फायदा पहुंचा है।

यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट का वादा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत विधानसभा से 94% वोट से जीत कर इतिहास कायम कर दिया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट का वादा किया था। इस दिशा में उन्होंने 100 दिन में यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट के लिए ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन कर दिया है, इस कमेटी में 5 सदस्य हैं। कमिटी के रिपोर्ट के आधार पर धामी सरकार राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की के लिए आगे बढ़ेगी। वहीं, पुष्कर सिंह धामी सरकार की 100 दिन की नए कार्यकाल में कई विभागों में वैकेंसी निकली और युवाओं को नौकरी देने की दिशा में भी काम हुए। धामी 2.0 सरकार ने राज्य के गरीबों को तीन मुक्त गैस सिलेंडर देने की घोषणा भी की है।

धामी सरकार संतुलित बजट

धामी सरकार ने 2022-23 का बेहद संतुलित बजट पेश कियाजिसकी हर तरफ तारीफ हुई। इस बजट पर  मुख्यमंत्री के सोच का साफ देखने को मिला। बजट में युवाओं महिलाओं व्यापारियों और पर्यटन व तीर्थाटन पर सरकार का फोकस रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर सामने कई चुनौतियां भी 100 दिन में देखने को मिली। पहली चुनौती चार धाम यात्रा को सुचारू ढंग से संचालित करने की रही। जहां की यात्रियों की मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। वहीं आर्थिक मोर्चे पर धामी सरकार के सामने संसाधन बढ़ाने, राजकोषीय घाटा कम करनेनॉन प्लान के बजट को कम कर के प्लान के बजट को बढ़ाने की चुनौती होगी। इसके साथ ही राज्य पर बढ़ रहे कर्जों के बोझ से निपटने की बड़ी जिम्मेदारी भी उनके कंधे पर है।

100 दिन के कार्यकाल पर जनता भी उत्साहित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस कार्यकाल का 100 दिन का वक्त पूरा हो गया है। जिसको लेकर जनता भी काफी उत्साहित नजर आ रही है। जहां एक ओर राजनीतिक पार्टियां इस पर राजनीति करती नजर आ रही है। तो वहीं, आम जनता की माने तो उनका कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले भी बेहतर काम कर रहे थे। यही वजह है कि चंपावत विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारी बहुमत के साथ चुनाव जीत कर आए हैं।

विपक्ष ने सरकार के 100 दिन के कार्यकाल को बताया फेल

जहां एक और भाजपा धामी सरकार के इस 100 दिन के कार्यकाल को ऐतिहासिक फैसला लेने वाला कार्यकाल बता रही है तो वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस धामी सरकार के 100 दिन पर जमकर हमला बोलती नजर आ रही है। कांग्रेस ने सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल को फेल बताया है। कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि 100 दिन के अंदर महंगाई, रोजगार, पलायन के साथ- साथ बजट के दौरान गैरसैंण पर कोई जिक्र नहीं किया गया, जोकि महत्वपूर्ण विषय है जिस पर सरकार द्वारा कोई काम नहीं हुए। उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण महरा ने कहा कि भाजपा सरकार के 100 दिन के कार्यकाल के दौरान कोई भी उपलब्धि हासिल नहीं हुई है, बल्कि इस 100 दिन के भीतर प्रदेश की जनता धरने पर बैठी नजर आई है। करण महरा ने कहा कि डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है। उन्होंने कहा कि सिर्फ वादे और घोषणाएं करने से राज्य का विकास नहीं होगा लिहाजा धामी सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है।

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