Varanasi: वारणसी में मौनी अमावस्या के मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने गांगा नदी में डुबकी लगाई, ठंड के बावजूद श्रद्धालु घाटों पर पूजा-अर्चना के लिए सुबह-सुबह उमड़ पड़े। मौनी अमावस्या के मौके पर पुजारी ने कहा कि देश भर से श्रद्धालु यहां आते हैं और मौन रहकर गंगा में डुबकी लगाते हैं और पुजारियों को दान देते हैं, ‘मौनी अमावस्या’ जिसे ‘माघी अमावस्या’ के नाम से भी जाना जाता है।
इस मौके पर श्रद्धालु देश के अलग-अलग हिस्सों में गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं। श्रद्धालुओ का कहना है कि “आज का विशेष महत्व है 12 अमावस्याओं में से मौनी अमावस्या विशेष होती है और साधु-संतों की होती है, जिसके कारण हम लोग भी अपना अमावस्या के दिन आते हैं और दान-पूर्णय धर्म जो बनता है भगवान के यहां गंगा जी के समक्ष करते हैं। बाबा विश्वनाथ के भी दर्शन होते हैं और ठंडी के कारण थोड़ी कम भीड़ है नहीं तो विशेष भीड़ होती है आज के दिन।”
इसके साथ ही कहा कि “बहुत बड़ा महत्व है, सदियों पुराना महत्व है।मौनी अमावस्या का स्नान और दान से फल प्राप्ति होती है। इसलिए दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं। मौनी स्नान करने के लिए दशाश्वमेध घाट पर, गंगा घाट पर और काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए। यहां से सारी मुक्तियां मिलती है और लोग अपने परिवार के कल्याण के लिए आते हैं।”
पुजारियों का कहना है कि “बाहर से श्रद्धालु मौन धारण करके आते हैं और अपनी तपस्या को निहित करके गंगा स्नान करते हैं और मौन धारण करते हुए आते है गंगा का संकल्प कराते है और पंडितों को दान-दक्षिणा देते हैं। आज पित्रों का भी विशेष दिन है और पंडित जी अन्न दान,जल दान इस समय ठंडी है तो पंडितों को कंबल दान किया जाता है।”