Varanasi: उत्तर प्रदेश के वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार दिया। इसके कुछ ही घंटों बाद प्रशासन की देख-रेख में तहखाने में पूजा-पाठ शुरू हो गई। जिला मजिस्ट्रेट एस. राजलिंगम ने कहा, ”मैंने अदालत के आदेश का पालन किया है।”
कुछ लोगों ने दावा किया कि तहखाने की सफाई के बाद देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती की गई। जिला प्रशासन के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के सदस्यों को बुलाया गया और लगे बैरिकेड्स हटा दिए गए। कोर्ट ने लोकल प्रशासन को तहखाने में पूजा-पाठ शुरू करने के लिए सात दिन के अंदर इसकी व्यवस्था करने का निर्देश दिया था।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार को लेकर कहा कि अदालत के आदेशों का पालन करने में बीजेपी की जल्दबाजी किसी भी कानूनी रास्ते को रोकने की कोशिश है। जिला जज ए. के. विश्वेशा का फैसला ज्ञानवापी परिसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के एक दिन बाद आया। नवंबर 1993 तक सोमनाथ व्यास जी का परिवार उस तहखाने में पूजा पाठ करता था, जिसे तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के शासनकाल में बंद करा दिया गया था।
श्रद्धालुओं का कहना है कि “बहुत बढ़िया लगा। जज साहब का आदेश आया है कि पूजा-पाठ होना चाहिए। तहखाना खुल गया है। बड़ी खुशी की बात है। ऐसा महसूस होता है जैसे हमने अपनी आंखों के सामने भगवान को देख लिया।”