Varanasi: ठंड बढ़ने के साथ वाराणसी में इस मिठाई की बढ़ी मांग

Varanasi: बनारस में अचानक ठंड बढ़ने से ‘मलइयो’ वाली मिठाई की मांग तेजी से बढ़ रही है। ठंड बढ़ने के साथ शहर में ‘मलइयो’ वाली मिठाई की खाने के लिए सुबह से ही लोगों की भीड़ उमडने लगती है।

यह एक शीतकालीन मिठाई जो केवल सर्दियों के मौसम में उपलब्ध होती है, आमतौर पर नवंबर से फरवरी तक वाराणसी शहर में इस मिठाई की डिमांड ज्यादा होती है। शहर भर में लोगों को बड़े उत्साह के साथ ‘मलइयो’ का आनंद लेते देखा जा सकता है।

इसको ओस की मिठाई या बनारसी ‘मलइयो’ के नाम से जाना जाता है। दूध और ओस की बूंदों से तैयार होने की वजह से ये सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। ‘मलइयो’ में केसर, पिस्ता, बादाम, इलायची जैसी गुणकारी चीजें भी मिलाई जाती हैं।

दुकानदारों का कहना है कि “यह ज्यादा समय से बनी आई है। इसे बनाना हमें हमारे पूर्वजों ने सिखाया था और ये अभी तक चलता रहा है। इसे बनाने के लिए रात में ही प्रोजेक्ट शुरू हो जाता है। रात को दूध खौलाया जाता है और छत पर रखा जाता है। जो ओस की बूंदें गिरती हैं उससे से ये दूध ठंडा होता है। बड़े-बड़े थाल में लगाकर, जाली लगाकर इसे ढंका जाता है और पांच बजे सुबह उताकर रबड़ी, मलाई केसर, इलायची पिस्ता मिलाकर उसको मथा जाता है। कम से कम दो घंटे मथने के बाद ये तैयार होता है।”

उनका कहना है कि “पसंद करने वाली बात ये है कि ये इतना कम टाइम में मिलता है कि इसलिए दीवानगी बहुत ज्यादा रहती है। मिलना इससे तीन महीना है। जिसका वेट करते हैं नौ महीने तक। इसके प्रति लोगों का क्रेज हैं। ये ठंड़ी का सबसे बढ़िया आइटम है बनारस का और सबसे फेमस भी।”

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