Tapkeshwar: पारंपरिक कपड़ों में सजे देहरादून के लोगों ने टपकेश्वर महादेव मंदिर में उत्तराखंड की मशहूर कुमाऊंनी होली मनाई, कुमाऊं में तीन तरह की होली मनाई जाती है, खड़ी होली, बैठकी होली और महिला होली।
बसंत पंचमी से बैठकी होली और एकादशी से खड़ी होली शुरू हो जाती है, त्योहार के दौरान मंदिर से जुलूस शुरू होता है और एक घर से दूसरे घर जाता है। इस मौके पर यहां के खास पकवान तैयार किये गए।
देहरादून में पुरुषों और महिलाओं ने साथ मिलकर त्योहार मनाया। उत्तर भारत में मशहूर मशकबीन, एक किस्म का बैगपाइप और ढोल दमाऊ जैसे पारंपरिक वाद्य की धुन पर लोगों ने डांस किया, इस साल देश भर में 25 मार्च को होली मनाई जाएगी।
टपकेश्वर महादेव मंदिर पुजारी “आज यहां पे कुमाऊंनी होली, जो खड़ी होली है, उसको खेला गया है। और इसमें जो है आपने देखा होगा, होलियारों ने किस तरह से हमारी कुमाऊंनी की परंपरागत जो उनके वस्त्राभूषण हैं, उनके साथ जो वाद्य हैं, जिसमें आपने देखा होगा, ढोल है और मशकबीन है, और नगाड़ा आदि बजा कर के और हुड़का बजा कर के यहां पे होली खेली गई है। और फूलों की होली भी हमने खेली है देश की शांति और समृद्धि की मंगल कामना के साथ।”
श्रद्धालुओ का कहना है कि “यह हमारा छोटा सा एक समूह है, जो कि विरासत में हमें जो सांस्कृतिक धरोहर मिली है, यह विरासत को हम आने वाली पीढ़ी तक पहुंचा सकें, इसका हमारा छोटा सा प्रयास है। बहुत ही हर्ष और उल्लास का है ये रंग, यह त्योहार। हिंदू धर्म में जो हमारा साल का अंतिम पर्व होली का पर्व है, इसके बाद हमारा नव सम्वत, नया साल लग जाएगा। तो इस साल का अंतिम त्योहार है और इसको हम धूमधाम से मनाते हैं।”