Sambhal: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सिर्फ अपने राजनैतिक हित के लिए संसद में संभल के मुद्दे को दबा रही है।
मायावती ने कहा, “इससे भी ज्यादा दुख की बात ये है कि जिन लोगों की बदौलत दलित समुदाय के सांसद संसद में पहुंचे हैं, वही लोग अपने पार्टी प्रमुखों को खुश करने के लिए दलित समुदाय पर हो रहे अत्याचार पर भी चुप हैं।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस “मुस्लिम वोट” हासिल करने के लिए संभल हिंसा को दबा रही है।
बीएसपी अध्यक्ष मयावती ने कहा कि “संसद में विपक्ष देश या जनहित के मुद्दे न ऊठाकर अपने राजनैतिक स्वार्थ में संभल में हुई हिंसा के आड़ में खासकर सपा व कांग्रेस पार्टी यहां मुस्लिम वोट को रिझाने की में लगी है। बाकी मुद्दों से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इतना ही नहीं बल्कि ये पार्टियां मुस्लिम समाज को भी अर्थात तुर्क व नॉन तुर्क को भी वहां आपस में लड़ा रही है संभल में, जिससे मुस्लिम समाज को भी सतर्क रहना है। इससे भी ज्यादा दुख की बात ये है कि जिनकी बदौलत से संसद में दलित वर्ग के सांसद पहुंचे हैं, मेंबर पार्लियामेंट पहुंचे हैं वो भी अपनी-अपनी पार्टियों के आकाओं को खुश करने के लिए दलित उत्पीड़न के मुद्दों पर अधिकांश चुप ही बैठे हैं।”
“वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदू जो बड़ी संख्या में जुल्म-ज्यादती के वहां शिकार हो रहे हैं उसमें अधिकांश संख्या उन दलितों की है, उन वीकर सेक्शन लोगों की है, कमजोर तबके के लोगों की है खासकर दलितों की है, जिनकी भारत देश में बाहुल्यता होते हुए भी बंटवारे में बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर को संविधान सभा में चुनकर भेजने की सजा के तौर पर पाकस्तिान को दे दिया गया।”
“जब अब वहां पर इनका शोषण हो रहा है तो विपक्ष की ये मुख्य पार्टी इस चुप है। कांग्रेस पार्टी चुप है और अब वे केवल मुस्लिम वोट के लिए संभल-संभल चिल्ला रही है। इस मामले में कांग्रेस, सपा व इनके समर्थक दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं।ऐसे में बीजेपी और उनके नेतृत्व में चल रही केंद्र की सरकार अपनी जिम्मेदारी को आगे बढ़-चढ़कर निभाए ताकि शोषण का शिकार हो रहे दलित वर्ग के लोगों को वहां और ज्यादा शिकार न होना पड़े।”
“जो अब वहां दलितों को नुकसान उठाना पड़ रहा है तो उन्हें वहां की सरकार से बातचीत करके भारत में वापिस लाया जाए। इसके लिए हमारी पार्टी आपकी बहुत-बहुत आभारी होगी।”